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भारतीय इक्विटी बाजार में अस्थिरता के बावजूद निवेशकों के लिए विविधता का महत्व व्यापार चक्र और मल्टी एसेट फंड को तलाशें- सतीश मिश्रा


जमशेदपुर। लंबे समय तक तेजी के बाद, भारतीय इक्विटी बाजार में वैश्विक अनिश्चितताओं, मूल्यांकन संबंधी चिंताओं और दूसरी तिमाही के सुस्त कॉर्पाेरेट आय के कारण अस्थिरता और बिक्री दबाव का सामना करना पड़ा है। इन बाधाओं के बावजूद, बेंचमार्क सेंसेक्स ने पिछले छह महीनों में लगभग 10 प्रतिशत रिटर्न दिया है, जबकि बीएसई मिडकैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों ने इसी अवधि में क्रमशः 17 प्रतिशत और 24 प्रतिशत का दोहरे अंकों का रिटर्न प्राप्त किया है। (स्रोत- बीएसई वेबसाइट)। इस संबंध में टाटा म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर, सतीश मिश्रा ने बताया कि व्यापार चक्र निधि उन निवेशकों के लिए होती है जो यह अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं कि आगे क्या उतार-चढ़ाव आएगा। यदि अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावना है, तो फंड उन क्षेत्रों में निवेश करेगा जो आमतौर पर आर्थिक उन्नति के दौरान अच्छा प्रदर्शन करते हैं, जैसे निर्माण या नए व्यवसाय। वहीं, मंदी की संभावना होने पर, फंड उन कंपनियों/क्षेत्रों में निवेश करेगा जिन पर मंदी का कम असर पड़ता है, जैसे आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं। 30 सितंबर 2024 तक, टाटा बिजनेस साइकिल फंड ने एक वर्ष में लगभग 47 प्रतिशत और तीन वर्षों में 27 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया है, जबकि बेंचमार्क रिटर्न क्रमशः एक और तीन वर्षों में लगभग 41 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रहा है। टाटा मल्टी एसेट ऑपर्च्युनिटीज फंड ने एक वर्ष में लगभग 27 प्रतिशत और तीन वर्षों में 15 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दिया है, जबकि इसका बेंचमार्क रिटर्न क्रमशः एक वर्ष और तीन वर्षों में लगभग 28.5 प्रतिशत और 14 प्रतिशत रहा है। उन्होने बताया कि हाल ही में अपनी दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के परिणाम घोषित करने वाली कंपनियों में से अधिकांश ने कमोडिटी की कीमतों में मुद्रास्फीति के कारण अपने मार्जिन पर दबाव देखा है, जिससे उनके मुनाफे में कमी आई है। जबकि भारतीय इक्विटी के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है, निवेशकों के लिए अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना महत्वपूर्ण है ताकि वे जोखिम को कम कर सकें और रिटर्न बढ़ा सकें।

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