बैंगलूर से वापस आई मानगो कौशल विकास केंद्र की छात्रा देवकी कहा मजबूरी में करना पड़ा कपड़ा मिल में काम।प्राचार्य ने दिया डीएफओ के पास रिकॉर्ड का हवाला
Devaki, a student of Mango Skill Development Center, who came back from Bangalore, said that she had to work in the textile mill under compulsion. The principal cited the records with the DFO. The principal himself was seen running away from questions
जमशेदपुर;मानगो थाना अंतर्गत कौशल विकास केंद में लड़कियों को नर्स ट्रेनिंग के लिए 21 लड़कियों को बंगलोर ले जाया गया जहाँ पर ट्रेनिंग में 4 लड़कियों सिर्फ यह बोल कर छाट दिया गया कि उनका वजन कम है जिसमे 3 लड़की तो दूसरे ही दिन वापस आ जाती है लेकिन एक छात्रा वही पर फंस कर रह जाती है क्योंकि वह कोई नेता या बड़े बाप की बेटी नही है बल्कि एक दुसरो के घरों में काम करने वाले माँ बाप की बेटी है सवालों से भागते दिखे मानगो कौशल विकास केंद्र के प्राचार्य
छात्रा को धोखे में रख कर पूरे 1 महीने उसे सिर्फ यह बोल कर दिलासा दिया जाता है कि तुम्हरा नॉकरी कल से शुरू हो जाएगा लेकिन उस छात्रा को काम नही मिलता जिस होस्टल में उसे रखा गया था पैसे के अभाव में उसे वहां से भी निकल दिया जाता है परिजन जब अपनी बेटी की खबर लेने जाते तब उन्हें भी धोखे में रखा जाता है मजबूरी में छात्रा को कपड़े के मिल में कपड़ा चुनने का काम करना पड़ता है क्यों क्योंकि जिन लोगो ने उसे नॉकरी दिलवाने के लिए भेजा था वही लोग उसका फ़ोन उठाना बंद कर देते है वो कैसी है किस हाल में है ये भी नही पूछा जाता देवकी महानंद ने बताया कि मानगो कौशल विकास केंद्र के कामिल सर को काफी बार फ़ोन करने पर भी कोई जवाब नही मिलता प्राचार्य सुनील सिंह भी फ़ोन नही उठाते थे जब परिजनों के साथ छात्र नेता केंद्र में जा कर लड़की के बारे में पूछते है तब मानगो कौशल विकास केंद्र के किसी भी अधिकारी को लड़की के बारे में कुछ भी पता नही रहता।शुक्रवार को इस बात को लेकर जब काफी हंगामा होता है प्राचार्य को जब पुलिस पकड़ कर ले जाती है पूछताछ करने के लिए तब कौशल विकास केंद के कामिल सर का छात्रा को फोन आता है और धमकी देने जैसी बात कहते है जब परिजन मानगो थाना में छात्रा के वापसी की मांग थाना प्रभारी से करते है तब दूसरे दिन ही छात्रा को वापस बुला लिया जाता है और बात को खत्म करने की बात कही जाती है आखिर कोई अधिकारी क्यों नही समझता अपनी जिम्मेदारियां प्राचार्य से बात पूछा गया तो वह जवाब देने के बजाय वहाँ से निकलते बने । न जाने झारखंड की कितनी बेटियों के साथ इस तरह की घटना हुई होगी जिसका कोई हिसाब नही है और सरकार कब तक ऐसे भ्रष्ट अधिकारी प्रो.कामिल और प्राचार्य सुनील सिंह जैसों पर कार्यवाही नही करेगी जो छात्रों के साथ इतनी बड़ी लापरवाही करने में देर नही करते उल्टा छात्रा को धोखे में रख कर फसाने का काम करते है और छात्रा के बारे में सवाल करने अपना पल्ला झाड़ कर सीधा बात डीएफओ के ऊपर डाल देते है जैसे कि छात्रों के ऊपर इनकी कोई जिम्मेदारी ही नही