सीसीएल मुख्यालय ईएंडएम अधिकारी सुमित कुमार एवं मेकॉन लिमिटेड रांची की 12 सदस्यीय टीम ने बंद पड़े कैप्टिव पावर प्लांट को लेकर निरीक्षण किया
बेरमो : आसिफ अंसारी
सीसीएल मुख्यालय ईएंडएम अधिकारी सुमित कुमार एवं मेकॉन लिमिटेड रांची की 12 सदस्यीय टीम ने बंद पड़े बोकारो जिला बेरमो अनुमंडल कथारा असनापानी कैप्टिव पावर प्लांट ( सीपीपी ) के मूल्यांकन को लेकर निरीक्षण किया। इस दौरान मेकॉन लिमिटेड रांची के अधिकारी पी. गुप्ता व उनकी 12 सदस्यीय टीम, सीसीएल मुख्यालय के सुमित कुमार, सीसीएल कथारा एसओईएंडएम विपिन कुमार, क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी सुनील कुमार गुप्ता, कथारा वाशरी के अभियंता सूर्यभूषण कुमार, रवि रंजन कुमार, कथारा ओपी एएसआई कृष्णानंद पाठक, गोमिया थाना के एएसआई बिरसा बारा मुख्य रूप से मौजूद थे। चार से पांच घंटे तक प्लांट परिसर का अवलोकन करने के बाद मेकॉन के अधिकारियों की टीम रांची के लिए रवाना हो गई।
पत्रकारों ने इस संदर्भ में अधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से परहेज किया। सूत्रों के अनुसार सीसीएल प्रबंधन एवं सीपीपी प्लांट को संचालित करने वाली इम्पीरियल फास्टर्न्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के बीच प्लांट को हैंड ओवर करने अथवा अन्य तकनीकी कारणों को लेकर न्यायालय में मामला चल रहा है।
वर्ष 2018- 19 से सीसीएल कथारा क्षेत्र के अधीनस्थ कैप्टिव पवार प्लांट ( सीपीपी) बंद है। इस प्लांट को इम्पेरिएल फास्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा संचालित किया जाता था । प्लांट को चलाने के लिए इम्पेरिएल फास्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड और सीसीएल प्रतिष्ठान के बीच लगभग 20 वर्ष का करार किया गया था। लेकिन करार की अवधि पूर्ण होने के पूर्व ही इम्पेरिएल फास्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने प्लांट का कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया।
प्लांट में अधिकारियों के आने की खबर पाकर पूर्व मजदूर बकाया वेतन आदि के भुगतान की मांग को लेकर प्लांट के मुख्य प्रवेश द्वार के पास जमा हो गए। यहां मौजूद मो. सरफराज, मों मुस्लिम, मों अयूब, दीपक रोबोट, मों इफ़्तेखार, राजेश यादव गोविंद यादव आदि ने बताया कि मजदूर सहित अन्य लोग अपने बकाया पैसा के भुगतान को लेकर 7 वर्षों से दर दर की ठोकर खा रहे हैं। लगभग तीन सौ मजदूरों का 5 महीने का वेतन, 2 वर्ष का बोनस सहित ग्रेच्युटी का पैसा अभी तक फंसा हुआ है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि आखिर हमारी मेहनत का पैसा हम लोगों को कब मिलेगा। उन्होंने सीसीएल प्रबंधन से मांग की है कि इम्पेरिएल फास्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से उनका बकाया पैसा भुगतान करने में उनकी मदद करें। उक्त कंपनी के डायरेक्टर अथवा संबंधित अधिकारी के नहीं आने से मजदूर काफी निराश हुए।