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पदस्थापन की प्रतिक्षा में रह रहे अवधेश कुमार किस हैसियत से मुख्य अभियन्ता के रूप में टेन्डर डिसाइड कर रहे हैं, सवालों के घेरे में विभागीय सचिव के श्रीनिवासन?

रांची। ग्रामीण कार्य विभाग में भ्रस्टाचार का यह आलम है कि पदस्थापन की प्रतिक्षा में मुख्य अभियंता अवधेश कुमार ग्रामीण विकास विशेष के मुख्य अभियन्ता की हैसियत से कार्य कर रहे हैं? यहां तक सूत्र बताते हैं कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले के डेट से संवेदक को कार्य आवंटन का पत्र जारी किया जा रहा है। आचार संहिता लागू होने से मंत्री जीरो और विभागीय सचिव हीरो हो गए हैं। विभागीय सचिव के एक तरफा राजपाट होने के बाद अवधेश कुमार खुले आम बोल्ड तरीके से बैक डेटिंग कर रहे हैं? विदित हो कि 8 तारीख से अवधेश कुमार पदस्थापन की प्रतिक्षा में हैं, लेकिन अवैध रूप से विभागीय सचिव को मैंनेज कर पेंडिंग टेन्डर का loai दे रहे हैं। मालूम हो कि जल संसाधन विभाग अवधेश कुमार की सेवा वापस ले ली है। पुनः स्वतंत्र चालू प्रभार के रूप में मुख्य अभियन्ता बना कर ग्रामीण में सेवा सौंपा गया है। इसलिए पूर्व की सभी पद पर कार्य करने के आदेश स्वतअः विलोपित हो गया है। यह भी मालूम हो कि अवधेश कुमार का पूर्व का मूल्य पदस्थापन अधीक्षण अभियन्ता, ग्रामीण विकास विशेष रांची अंचल रहा है। ग्रामीण कार्य विभाग में कुछ भी सम्भव है। यहां किसी को भी ED और NIA से डर नहीं लगता है।मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के टेन्डर में फेल संवेदक को पास करने में दस फीसदी कमीशन वसूली का खेल हो रहा है? पहले भी लोकसभा के दौरान आचार संहिता के लागू होने के बाद अवधेश कुमार 79 टेन्डर डिसाइड किए हैं। जिसमें भारी घोटाला हुआ है? आज अवधेश कुमार हवा में यानी बेस लेस तरीके से पदस्थापन की प्रतिक्षा में रहते हुए टेन्डर डिसाइड करने का सबसे बड़ा घोटाला को अन्जाम दिया जा रहा है? सूत्रों के अनुसार विभागीय सचिव का मौन समर्थन होने के कारण अवधेश कुमार अवैध तरीका से काम कर रहे हैं। अवधेश कुमार को पता है आने वाले समय में इसका हिसाब हमको ही देना है। उस समय के श्रीनिवासन मेरे साथ नहीं रहेंगे, जिस तरह आज जेल में बंद बीरेन्द्र राम के साथ कोई नहीं है।

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