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श्रीराम कथा एवं भव्य शोभायात्रा को लेकर सूर्य मंदिर कमेटी ने की समीक्षा बैठक

जमशेदपुर। सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर धाम में श्रीराम मंदिर स्थापना के दूसरी वर्षगांठ पर छह दिवसीय धार्मिक आयोजन में शोभा यात्रा सह श्रीराम कथा को लेकर सूर्य मंदिर कमेटी ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। आयोजन के प्रथम दिन बुधवार को भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा भालूबासा शीतला मंदिर से प्रारंभ होकर एग्रिको सिग्नल के रास्ते सिदगोड़ा बाजार के मुख्य सड़क होते हुए सूर्य मंदिर पहुंचेगी। शोभा यात्रा में महिलाएं गेरुवा वस्त्र एवं पुरुष भगवा कुर्ता, गमछा और पगड़ी धारण कर शामिल होंगे। शोभा यात्रा में रथ, झांकी, श्रीराम दरबार, पुष्पवर्षा एवं आतिशबाजी आकर्षण का केंद्र होंगे। छह दिवसीय आयोजन की तैयारी को लेकर सोमवार को सूर्य मंदिर कमेटी द्वारा समीक्षा बैठक की गई। अध्यक्ष संजीव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह कमेटी के मुख्य संरक्षक रघुवर दास मौजूद रहे। उन्होंने आयोजन की सफलता एवं भव्यता को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी प्रदान की गई। इस संबंध में सूर्य मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संजीव सिंह ने बताया कि सूर्य मंदिर धाम शहर ही नही अपितु पूरे प्रदेश के आस्था का केंद्र बिंदु है। विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सूर्य मंदिर कमेटी ने हमेशा शहर के आस्थावान भक्तों की धार्मिक भावनाओं को मजबूत करने का कार्य किया है। श्रीराम मंदिर निर्माण के दूसरे वर्षगांठ पर कमेटी द्वारा भव्य शोभा यात्रा एवं संगीतमय श्रीराम कथा के निमित्त सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। छह दिवसीय आयोजन को लेकर कमेटी के कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है। तो वहीं, शहरवासियों को श्रीराम कथा का रसपान कराने देवभूमि हरिद्वार से व्यास परम् पूज्य साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी जी पधार रही हैं। उन्होंने बताया कि शोभा यात्रा के सूर्य मंदिर पहुंचने पर सामूहिक रूप से श्री रामायण जी की महाआरती की जाएगी और हनुमान चालीसा का पाठ होगा। इसके पश्चात भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाएगा।


व्यास परम् पूज्य साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी जी का संक्षिप्त जीवन परिचय:
आदिशक्ति माँ पीताम्बरा माई की असीम कृपा से प.पू. देवी जी बाल्यकाल से ही श्रीराम की उपासक हैं। आपको विश्व समभाव भावना से प्रभावित होकर प.पू. जगतगुरु रामानन्दाचार्य श्री हर्याचार्य जी ने आपको विश्वेश्वरी देवी जी के नाम से अलंकृत किया। त्रिदण्डी स्वामी प.पू. जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री देवनारायणार्चा (वृन्दावन धाम) द्वारा आपने मन्त्र दीक्षा प्राप्त की। आपने “श्री वाल्मीकीय रामायण में श्री सीताजी का जीवन दर्शन” विषय पर शोध कर (डॉ.) उपाधि प्राप्त की। आप श्रीराम चरित मानस की संगीतमय सरस एवं प्रखर कथा व्यास हैं। आपके श्रीमुख से श्रीराम कथा व श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर देश-विदेश में श्रद्धालुगण परमानन्द को प्राप्त कर रहे हैं। आपके दर्शन मात्र से अद्भुत शान्ति का अनुभव होने लगता है। पावन पुनीत माँ गंगा के प्रति अगाध आस्था पूज्या देवी जी को ऋषिभूमि हरिद्वार तक लेकर आयी। सन् 1999 में आपको माँ गंगा की गोद में बैठकर अनुपम वात्सल्यानन्द एवं शान्ति की अनुभूति हुई और आपके मानस में “श्रीराम कृपा धाम आश्रम ट्रस्ट” का संकल्प जागा जिसके परिणामस्वरूप सन् 2004 में आपने श्रीराम कृपा धाम ट्रस्ट की स्थापना की एवं उसके अन्तर्गत आश्रम की नींव रखी। समयानुसार आश्रम ने अपना वर्तमान स्वरूप प्राप्त किया। सन् 2010 के हरिद्वार कुम्भ में आश्रम परिसर में ही “श्रीराम दरबार” एवं “श्री राधाकृष्ण जी” के मन्दिरों की स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया।

बैठक के दौरान संजीव सिंह, लक्ष्मीकांत सिंह, गुँजन यादव, संजय सिंह, शशिकांत सिंह, राजेश कुमार यादव, विनय भूषण शर्मा, अखिलेश चौधरी, मान्तु बनर्जी, बिशु सरकार, दीपक, दिनेश कुमार, चंद्रशेखर मिश्रा, कमलेश सिंह, रामबाबू तिवारी, भूपेंद्र सिंह, मिथिलेश सिंह यादव, अमरजीत सिंह राजा, खेमलाल चौधरी, संतोष ठाकुर, सुशांत पांडा, राकेश सिंह, पवन अग्रवाल, कुमार अभिषेक, प्रेम झा, ज्योति अधिकारी, बिनोद सिंह, बोलटु सरकार, अजय सिंह, सुरेश शर्मा, दीपक झा, ध्रुव मिश्रा, हेमंत सिंह, बबलू गोप समेत दर्जनों अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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