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मुश्किल में शिक्षा मंत्री! गबन मामले पर शुक्रवार को धनबाद की विशेष अदालत में सुनवाई

तिलक कु वर्मा
धनबादः झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो सहित पांच लोगों के खिलाफ दायर शिकायतवाद पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी के प्राचार्य डेगलाल राम ने गबन का एक नया शिकायतवाद धनबाद स्थित एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में श्वेता कुमारी की कोर्ट में शिकायत दर्ज कराया है. इसी मामले पर शुक्रवार को धनबाद की विशेष अदालत में 1 अक्टूबर को सुनवाई होगी.डेगलाल राम के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने बताया कि कोर्ट के ड्रॉप बाक्स में मुकदमा दायर कर दिया गया है, इस पर एक अक्टूबर को सुनवाई होगी. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता 9 सितंबर 2004 से झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी गिरिडीह के प्राचार्य हैं. हाई कोर्ट ने रिट संख्या 3090/ 2008 और रिट संख्या 631/2007 में आदेश पारित करते हुए उसे प्राचार्य पद पर बने रहने का आदेश दिया था, जो आज तक बरकरार है.राधेश्याम गोस्वामी ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में डेगलाल राम ने गिरिडीह के मुंसिफ कोर्ट में टाइटल सूट दाखिल किया था. जिसमें कोर्ट ने बैंक मैनेजर को यह आदेश दिया था कि उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में डेगलाल राम प्राचार्य के संयुक्त सहयोग से एसबी अकाउंट का निष्पादन होगा. शिकायतवाद के मुताबिक अदालत के आदेश की जानकारी आरोपियों को थी, इसके बावजूद उन्होंने षड्यंत्र के तहत तीन फरवरी 2012 को झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी के नाम से इसरी बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया में एक खाता खुलवाया और षड्यंत्र रच कर कॉलेज फंड में राज्य सरकार से प्राप्त राशि का गबन किया.उन्होंने बताया कि डेगलाल राम को झारखंड हाई कोर्ट ने 2007 में अस्थाई रूप से झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज के पद पर बने रहने का आदेश दिया था. यह जानकारी होने के बावजूद मंत्री ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी रूप से उन्हें बिना बताए 2 करोड़ 29 लाख की निकासी कर ली. डेगलाल राम का यह भी आरोप है कि स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो ने कर्मियों के साथ मिलकर फर्जी रूप से अध्यक्ष, सचिव, प्रभारी प्राचार्य, शिक्षक बनकर बैंक प्रबंधक से मिलकर कुल 2.29 करोड़ की निकासी कर गबन कर लिया.डेगलाल ने आरोप लगाया है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक झारखंड एवं अधिविद्य परिषद रांची के पत्र के मुताबिक रामेश्वर प्रसाद यादव एवं प्रताप कुमार यादव कॉलेज में 2011 से शिक्षक ही नहीं हैं, जब इन्होंने इस बाबत आरोपियों से पूछताछ की तो इन्हें जान मारने की धमकी दी गयी.

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