शादी की 25 वीं सालगिरह
मेरी शादी की 25वीं सालगिरह दिन आया,
मेरे पति और मैंने सोचा, कैसे मनाएंगे यह दिन?
लेकिन समय ने अपना रंग दिखाया,
कोरोना काल के बाद, दुनिया बदल गई।
लोग आने-जाने से कतराने लगे,
जिसे बुलाओगे, वही मना करेगा।
मैंने सोचा, क्या करूं?
फिर मैंने अपने पति से कहा, चलो, समन्दर किनारे चलते हैं।
समन्दर किनारे हमने मस्ती की,
घूमे, नहाए, और सुंदर दृश्यों का आनंद लिया।
रात को केक काटा, दोस्तों संग,
और समन्दर किनारे बैठकर उसका आनंद लिया।
समन्दर की शांति और सुंदरता ने मेरे मन को प्रसन्न किया।
उस दिन मैंने अपने पति के साथ बहुत मस्ती की,
बहुत सारी यादें बनाईं, और उन्हें हमेशा के लिए संजो लिया।
मैंने सोचा, जीवन की असली खुशी इन्हीं पलों में है।
तुम भी ऐसे पलों का आनंद लो, जीवन को पूरी तरह से जियो।
सच में अनमोल थे वो पल,
जिन्हें अक्सर मैं याद करती रहती हूं।
बहुत ही शानदार रही मेरी शादी की सालगिरह।
सुनिता त्रिपाठी’अजय
जयपुर राजस्थान