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मालवीय-अटल जयंती पर तीन साहित्यकार सम्मानित


जमशेदपुर। बुधवार को महामना मालवीय एवं कविवर अटल जयंती के अवसर पर सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/ तुलसी भवन द्वारा स्वदेश स्मृति साहित्य सेवी सम्मान, सांस्कृतिक संध्या सह लिट्टी भोज का आयोजन किया गया ।इस वर्ष नगर के तीन साहित्य सेवियों श्रीमती नीता सागर चौधरी, श्री रंदी सत्यनारायण राव एवं डाॅ० उदय प्रताप हयात को ‘ स्वदेश स्मृति सम्मान – २०२४ ‘ प्रदान किया गया । जिसके अन्तर्गत इन्हें अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह तथा ११०००/- (ग्यारह हजार) की नगद राशि प्रदान की गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी एवं संचालन मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने की । जबकि स्वागत वक्तव्य उपाध्यक्ष रामनन्दन प्रसाद तथा धन्यवाद ज्ञापन साहित्य समिति के उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र झा ने प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का आरंभ माँ सरस्वती एवं दोनो महापुरुषों के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्पण तथा माधवी उपाध्याय के सरस्वती वंदना से हुई ।
तच्पश्चात् भारत रत्न द्वय महामना मालवीय एवं कविवर अटल जी का संक्षिप्त परिचय विद्यासागर लाभ तथा प्रसन्न वदन मेहता ने प्रस्तुत किया । इसके बाद संस्थान के वयोवृद्ध न्यासी मुरलीधर केडिया के ८२ वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में उन्हें संस्थान द्वारा पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मान करते हुए शुभकामनाएँ दी गई ।
जबकि संस्थान द्वारा संचालित साहित्य समिति द्वारा तुलसी भवन के मानद महासचिव सह साहित्य समिति के अध्यक्ष डाॅ० प्रसेनजित तिवारी को गत २० दिसम्बर को अटल फाउंडेशन, प्रधानमंत्री संग्रहालय, तीन मूर्ती, नई दिल्ली द्वारा ‘अटल भूषण सम्मान – २०२४ ‘ से अलंकृत किये जाने के उपलक्ष्य में पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रयाग राज से पधारे जनकवि प्रकाश ने तुलसी भवन द्वारा हिन्दी साहित्य के विकास के लिये किये जा रहे कार्यो की भूरि – भूरि प्रशंसा की । जबकि विॆशिष्ट अतिथि अरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डाॅ० अंगद तिवारी ने कहा कि सम्मान आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है । उन्होंने सम्मान पाने वाले तीनों साहित्यकारों को बधाई दी ।
कार्यक्रम के दुसरे सत्र में राजेन्द्र राज, उपासना सिन्हा एवं अन्य द्वारा सांस्कृतिक संध्या के अन्तर्गत विभिन्न गीतों की प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम के अंतिम सत्र में सामुहिक लिट्टी भोज का आयोजन किया गया । मौके पर साहित्य समिति के सभी सदस्यों के साथ शहर के शताधिक साहित्यकारों की उपस्थिति रही ।

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