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डॉ सुरिन्दर कौर नीलम की दो पुस्तकों का लोकार्पण


रांची। रविवार को गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल पी पी कंपाउंड के सभागार में जानी मानी वरिष्ठ कवयित्री डाॅ सुरिन्दर कौर नीलम की दो पुस्तकों का भव्य लोकार्पण समारोह संपन्न हुआ।दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती जी की तस्वीर पर माल्यार्पण और रेणु झा रेणुका के मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। संगीता सहाय अनुभूति ने अतिथियों का स्वागत किया। गीत संग्रह ‘कल -कल रागिनी ‘ और काव्य संग्रह ‘तुम आओगे न..?’ पुस्तकों के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ हरेराम त्रिपाठी चेतन ‘ ने कहा कि मैं डॉ नीलम की साहित्यिक यात्रा के संघर्ष का साक्षी रहा हूं। इनकी कलम निरंतर क्रियाशील रही है। रचनाओं में विषय की विविधता आकर्षित करती है।वक्ता अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि नीलम के गीतों और कविताओं के खूबसूरत बिंब और शिल्प इन्हें उत्तम श्रेणी में पदस्थापित करते हैं। उन्होंने पुस्तक में से माहिया की पंक्तियां पढ़ते हुए शब्द संयोजन एवं भाव की सराहना की। मंच की शोभा सुप्रसिद्ध, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ माया प्रसाद ने नीलम के गीत की पंक्तियां ” कभी फुर्सत में आना मेरे पास जिंदगी, तुझसे बातें करूंगी मन उदास जिंदगी ” सुनाते हुए कहा कि एक स्त्री के मनोभावों और दर्द का ब्यान बेहद खूबसूरती से किया गया है। कवयित्री के गीतो में राग एवं प्रवाह है और कवयित्री का मधुर कंठ सोने पर सुहागा है। उन्होंने कवयित्री के पतिदेव गुरकमल सिंह के सहयोग की चर्चा करते हुए कहा कि सभी पतियों को प्रेरणा लेनी चाहिए पत्नी का साथ देने की।
वक्ता विद्वान निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव जी ने कहा कि डॉ नीलम एक संवेदनशील कवयित्री हैं जो समय की नब्ज को पहचान कर शब्दों में व्यक्त करती हैं।भाव, भाषा, छंदों और शिल्प की कवयित्री हैं।
मशहूर शायर और समारोह के वक्ता नसीर अफसर ने कहा कि कवयित्री ने हिंन्दी के साथ उर्दू के शब्दों का प्रयोग भी बड़ी खूबसूरती और सलीके से किया है।सरल भाषा में गहन भावों को लिए हुए इनकी रचनाएं पाठकों के दिलों में आसानी से पंहुच पाएंगी ऐसी उम्मीद है।

डॉ सुरिन्दर कौर नीलम ने कहा कि मंच को सुशोभित कर रहे सभी साहित्यकारों ने मेरी लेखनी का बचपन देखा है और आज इस महत्वपूर्ण पायदान पर सभी मुझे आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हैं ये मेरा सौभाग्य है। मैं सभागार में उपस्थित सभी साहित्य साधकों और साहित्य प्रेमियों का अभिनंदन और आभार व्यक्त करती हूं। कवयित्री ने अपनी मधुर आवाज में एक गीत सुना कर खूब तालियां बटोरी।
पुस्तक में से चरणजीत कौर, कमल बोस और नीरज नीर ने काव्य पाठ किया। सदानंद सिंह यादव और सूरज श्रीवास्तव ने कवयित्री के लिखे गीतों को कर्ण प्रिय अंदाज में प्रस्तुत किया। नन्हीं मायरा कौर ने एक कविता प्रस्तुत की।
पति गुरकमल सिंह ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। इसके अलावा गुरविंदर सिंह सेठी, परमजीत सिंह टिंकू और मलकीयत सिंह ने शुभकामनाएं दीं। इस समारोह में परिवार के सदस्यों, शहर के सभी गणमान्य व्यक्तियों , साहित्यकारों और महिला काव्य मंच की कवयित्रियों की उपस्थिति ने समारोह को सफल बनाया। सुभाष कुमार सहाय, रंगोली सिन्हा, अंकिता सिन्हा , बिम्मी प्रसाद ने विशेष सहयोग किया।समारोह का बेहतरीन संचालन सीमा चंद्रिका तिवारी ने और धन्यवाद ज्ञापन रेणु झा रेणुका ने किया।

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