मुझे अपने नौसैनिक होने पर गर्व है : राजीव रंजन
जमशेदपुर। 1992 में मेरा भारतीय नौसेना मे चयन हुआ था और और 31जनवरी 2008 तक मैने पूरी निष्ठा और लगन के साथ सेवा निर्वाह किया, मैने अपनी इस 16 साल के सर्विस में मुझे अनेक युद्धपोतों पर काम करने का अवसर प्राप्त हुआ इस दौरान मैने एयरक्राफ्ट कैरियर आई एन एस विराट,विक्रांत,तारागिरी, और नेवल डॉक्यार्ड में अपनी सेवा दिया, कारगिल युद्ध के दौरान मैं ऐरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विराट पर तैनात था और यह जहाज पुरे हाई अलर्ट मोड़ पर अरब महासागर के बॉर्डर पर तैनात था और वहाँ से कराची बंदरगाह पर अपनी पैनी नज़र बना रखा था।
1971 का युद्ध इतिहास विश्व पटल के लिए ऐतिहासिक और भारतीय नौसेना के गौरव कृत्य का दिन है 3 डिसेंबर की रात ओपरेशन ट्राईडेंट के तहत भारतीय नौसेना ने अपनी सामुद्रिक ताकत का एहसास दुनिया को कराया,भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान की राजधानी कराची स्थित उसके मुख्यालय पर मिसाईल आक्रामण कर उसे तहस नहस कर दिया था और कराची बंदरगाह पर भी मिसाईल से जोरदार हमला किया गया।
इस हमले के बाद कराची बंदरगाह लगातार सात दिनों तक जलता रहा, इस युध्द मे मुख्य रूप से आई एन एस विक्रांत और राजपूत जहाज अपनी शौर्य का परिचय दिया,संहारक पोत राजपूत ने पाकिस्तनी जहाज गाजी पर जबरदस्त प्रहार कर उसे समुद्र की गर्त मे डुबो दिया था इस युद्ध मे पाकिस्तनी जहाज खैबर चैलेन्जेर और मुहफ़िज़ को भी जल समाधि लेनी पड़ी थी, इस युध्द मे भारतीय नौसेना का जहाज आई एन एस खुकरी को डूबो दिया गया था और जहाज के कप्तान महेंद्र नाथ मुल्ला सहित 18 अधिकारी और 176 नौसैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए और सदा के लिए युद्ध इतिहास मे अमर हो गए,कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला के शौर्य और पराक्रम को आज भी भारतीय नौसेना याद कर अपने आप को गौरवंतीत महसूस करता है।
इस तरह 1971में पाकिस्तान के कई जहाजों को डुबो कर, कराची बंदरगाह को तहस नहस कर भारतीय नौसेना ने अपनी काबलियत पुरे दुनिया को दिखाया,और इस युद्ध मे भारतीय नौसेना द्वारा नया इतिहास लिखा गया और इस जीत का जश्न मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष पुरा देश 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाता हैं राजीव रंजन
जिला संयोजक पूर्व सैनिक सेवा परिषद(पूर्वी सिंहभूम)