जमशेदपुर पश्चिम के मतदाता सरयू राय को जरूर वोट देंगे : जमा खान
मुस्लिम वोटर नीतीश और सरयू राय के चेहरे पर वोट करेंगे
सरयू राय पर न जातिवाद का आरोप है और न ही परिवारवाद का
माहौल सरयू राय के बेहद अनुकूल, उनका चुनाव जीतना तय है
*इंडिया गठबंधन के नेता फोन पर धमकी दे रहे हैं, यह गलत है
जमशेदपुर। बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने रविवार को कहा कि जमशेदपुर पश्चिमी के अल्पसंख्यक मतदाता यहां के एनडीए प्रत्याशी सरयू राय को जरूर वोट देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस इलाके के लोगों को पता है कि बिहार में नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया है, इसलिए वो नीतीश कुमार और सरयू राय का चेहरा देखकर वोट देंगे।
यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में जमा खान ने कहा कि सरयू राय चुनाव जीत रहे हैं। सादगी पसंद इंसान हैं। कोई परिवारवाद का इन पर आरोप नहीं लगा सकता। हम लोगों ने कल से लेकर आज तक मुस्लिम समाज के लोगों के साथ 12 बैठकें की हैं, जो लोग नीतीश कुमार को चाहते हैं, वो सरयू राय को वोट देंगे। इसमें कहीं कोई शक नहीं है। जमशेदपुर के मुसलमान नीतीश और सरयू राय का चेहरा देख कर वोट करेंगे। इंडिया गठबंधन के नेताओं के ऊपर आरोप है कि ये लोगों पर दबाव बनाते हैं। अभी भी फोन किया गया था कि अगर वोट नहीं दोगे तो नुकसान कर देंगे।
एक सवाल के जवाब में जमा खान ने कहा कि सरयू राय काम करने वाले इंसान हैं। कोई परिवारवाद नहीं करते। कोई जातिवाद नहीं करते। सबको मिलकर चलने की बात करते हैं। सबके हितैषी हैं। ऊंच-नीच नहीं करते।
जमा खान ने मुस्लिम वोटरों से अपील की कि वे वोट हमारे बड़े भाई सरयू राय को दें ताकि वह चुनाव जीतें, जो कार्य अधूरे हैं, वो पूर्ण हो सकें। इसके लिए सरयू जी का चुनाव जीतना बेहद जरूरी है। ईवीएम के 12 नंबर बटन को दबाना है. सिलेंडर छाप को जिताना है।
एक सवाल के जवाब में जमा खान ने कहा कि अब तक का रुझान शानदार है। लोग नीतीश कुमार के चेहरे को देख रहे हैं। आप जानते ही हैं कि उन्होंने बिहार में कितना शानदार काम किया है। वह देश के पहले नेता हैं जो सबको लेकर चलने की बात कहते हैं। वह विकास के साथ-साथ सौहार्द्र और भाईचारा चाहते हैं। जैसे नीतीश परिवारवाद, जातिवाद में भरोसा नहीं करते, वैसे ही हमारे बड़े भाई सरयू राय भी इन चीजों को नहीं मानते हैं। मैं बिहार के अल्पसंख्यक विकास मंत्री होने के नाते इस बात को दावे के साथ कह सकता हूं कि मुसलमानों का कल्याण जिस तरीके से बिहार में हुआ, वह शायद ही देश के किसी अन्य में हुआ हो। नीतीश कुमार ने 9000 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की है अब तक. ये पहली बार हुआ।