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लोगों के बुलाने पर सरयू राय पहुंचे कदमा, टीन शेड की दुकानों के आवंटन प्रक्रिया बहुत दुरुस्त नहीं

सरयू राय ने उपायुक्त को लिखा पत्र-दुकान आवंटन के लिए मांगा जा रहा खर्चा-पानी

दुकान किस निधि से बन रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं

आवंटन की प्रक्रिया के बारे में भी कोई सूचना नहीं

जेएनएसी को भी इस संबंध में मुकम्मल जानकारी नहीं-राय के मुताबिक, दुकानों का क्षेत्रफल बेहद ही छोटा


जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने कदमा में टाटा वर्कर्स यूनियन विद्यालय की चहारदीवारी के समीप एवं अन्य स्थानों पर बनाये जा रहे टीन शेड की दुकानों के आवंटन प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी बनाने के संबंध में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखा है।

पत्र में श्री राय ने लिखा है कि शनिवार को वह उस इलाके में लोगों के बुलाने पर गये थे। एक दिव्यांग दुकानदार ने उनसे शिकायत की कि उसे दुकान नहीं दी जा रही है। चार-पांच अन्य दुकानदारों ने भी उन्हें बताया कि उन्हें भी दुकान नहीं दी जा रही है।

जब श्री राय ने दुकानदारों से पूछा कि दुकानों का आवंटन कौन कर रहा है, तब दुकानदारों ने बताय़ा कि स्वास्थ्य मंत्री के परिवार एवं उनके निकटस्थ कांग्रेस के कार्यकर्ता दुकानों का आवंटन मनचाहे तरीके से कर रहे हैं। कतिपय व्यक्तियों ने तो यह भी बताया कि दुकानों के आवंटन के लिए उनसे खर्च की मांग भी की जा रही है। यदि ऐसा है तो यह सही नहीं है। इस पर रोक लगनी चाहिए।

श्री राय ने पत्र में लिखा है कि सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए टाटा वर्कर्स यूनियन विद्यालय की चहारदीवारी को काफी पीछे हटा दिया गया है और चहारदीवारी से सटाकर बड़ी संख्या में टीन शेड की आठ गुणा छह फीट क्षेत्रफल की दुकानें बनाई जा रही है। कहा जा रहा है कि सड़क चौड़ीकरण करने से जो दुकानदार प्रभावित होंगे उन्हें ये दुकानें आवंटित की जायेंगी। इन दुकानों का निर्माण किस निधि से हुआ और इन्हें आवंटित करने का क्या तरीका अपनाया गया है, इसके बारे में संभवतः दुकानदारों को भी कोई जानकारी नहीं है।

श्री राय ने पत्र में लिखाः मैंने टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट से और जेएनएसी के उप नगर आयुक्त से फोन पर बात की तो उन्होंने इस संबंध में अनभिज्ञता प्रकट की और कहा कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। संभव है कि दुकानों का निर्माण जिला योजना की निधि से अथवा विधायक निधि से किया जा रहा हो।

श्री राय के अनुसार, दुकानों का निर्माण जिस किसी भी निधि से किया जा रहा हो, उसकी वैधता संदेहास्पद प्रतीत हो रही है। एक तो दुकानों का क्षेत्रफल काफी छोटा है। यदि सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित दुकानदारों को इन्हें आवंटन करना है तो दो दुकानों के बीच का पार्टिशन हटा कर एक दुकान के रूप में उसे दुकानदारों को आवंटन किया जाए तो वह अपना व्यवसाय अच्छी तरह से कर सकेगा। इसलिए दुकानों का क्षेत्रफल बढ़ाया जाय।

जमशेदपुर पूर्वी के विधायक को वहां मौजूद लोगों ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण से जितने दुकानदार प्रभावित हो रहे हैं, उससे करीब तीन गुणा ज्यादा संख्या में अधिक दुकानें बनाई जा रही हैं। यदि ऐसा है तो इसकी आवंटन की प्रक्रिया क्या है, यह स्पष्ट होना चाहिए। यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि दुकानों के निर्माण में सरकारी निधि का उपयोग हो रहा है या इसे निजी तौर पर बनाया जा रहा है। ऐसा न हो कि आवंटन के नाम पर दुकानदार धोखाधड़ी के शिकार हो और बाद में उन्हें पछताना पड़े। एक संभावना यह भी है कि इन दुकानों का अतिक्रमण हो जाय।

श्री राय ने पत्र में लिखा कि उपर्युक्त बिन्दुओं की ओर आपका ध्यान इसलिए आकर्षित करना चाहता हूँ कि इस संबंध में जो भी हो वह नियमानुसार हो, वैध हो और जरूरतमंद दुकानदारों को भी इसका लाभ मिले। इसके अतिरिक्त फिलहाल आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई हैं। ऐसी स्थिति में इन दुकानों के बारे में यथास्थिति बरकरार रखी जााए और उनका आवंटन पारदर्शी तरीके से विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत किया जाय।

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