शिक्षा में कला के समावेश से शिक्षा पद्धति का बेहतर विकास संभव: श्री धनंजय कुमार
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की इग्नू बी.एड प्रोग्राम की कार्यशाला-2 के दसवें दिन इग्नू की समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा ने प्रार्थना सभा के साथ प्रथम सत्र में चारों सत्र का विषय प्रवेश कराते हुए ‘स्व की समझ’ और ‘अभिनय द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों की समझ’ जैसे विषयों पर संक्षेप में प्रकाश डाला।
प्रथम और द्वितीय सत्र की संसाधन सेवी रहीं जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका डॉ. अरुणिमा कुमारी ने शिक्षार्थियों से पी.पी.टी के माध्यम से स्व की समझ विषय पर शिक्षार्थियों संग चर्चा की। डॉ. अरुणिमा ने वास्तविक जीवन के उदाहरणों द्वारा स्व की समझ विकसित करने पर जोर दिया। स्वयं को समझाना और व्यक्तित्व के विकास पर सामाजिक प्रभावों के बारे में द्विमुखी संवाद किया।
कक्षा कक्ष क्रियाकलाप के अंतर्गत शिक्षार्थियों ने अपने जीवन में पढ़ने वाले सकारात्मक प्रभाव के स्त्रोत पर प्रतिवेदन बनाए और प्रस्तुतियां दी।
दैनिक जागरण के संपादक श्री कुमार भवानंद जी के विशेष आमंत्रण पर समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा के नेतृत्व में 12 शिक्षार्थियों के एक समूह ने दैनिक जागरण समाचार पत्र के कार्यालय का शैक्षिक दौरा किया। जहां शिक्षार्थियों ने श्री भवानंद से शिष्टाचार भेंट की और टॉक शो में शिक्षा, राजनीति, स्वास्थ्य और कई सामाजिक मुद्दों पर गहन चर्चा की। उन्होंने समाचार प्रिंटिंग की पूर्ण प्रक्रिया से शिक्षार्थियों को अवगत भी कराया। आगामी विधानसभा चुनावों पर शिक्षार्थियों ने अपने विचार भी संपादक संग साझा किए।
तृतीय और चतुर्थ सत्र के संसाधन व रहे कोल्हन विश्वविद्यालय, चाईबासा के सहायक प्राध्यापक श्री धनंजय कुमार ने ‘अभिनय द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों की समझ’ विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने दृश्य कला और प्रदर्शन कला द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों को सरलता से समझाने की आवश्यकता को ज़रूरी बताया। पर्यावरणीय मुद्दों के विषय में चेतना निर्माण हेतु अभिनय विधि की प्रासंगिकता पर बल दिया। कहानी विधि, चित्रकला, अभिनय कला पर भी शिक्षार्थियों को लाभान्वित किया।
कार्यशाला को सफल बनाने में श्रीमती नेहा सुरुचि मिंज और श्री उपेंद्र शर्मा समेत सभी संसाधन सेवियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
*राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सत्रावसान हुआ। कार्यशाला में शिक्षक, छात्राएं, छात्र, संसाधन सेवी उपस्थित रहे।