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पश्चिम सिंहभूम में टेंडर मैनेज करने का दबाव डालने वाले दबंगो पर जिला प्रशासन की नजर

चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला में टेंडर मैनेज करने का दबाव बनाने वाले पर नज़र। मैनेज टेंडर डालने वाले यानी निविदा में दो ही बिड्डर वाले संवेदकों पर केंद्रीय एजेंसी का नज़र रहने की चर्चा है। सूत्रो के अनुसार लोग एक संवेदक को सभी कार्यकारी एजेंसी से मिलकर कार्य आवंटित किए जाने वाले संवेदक की सुची देकर फेल संवेदक को पास करने का दबाव बनाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सभी कार्यकारी एजेंसी डीसी को वस्तु स्थिती से अवगत कराने के लिए भेंट करने वाले हैं। कार्यकारी एजेंसी का कहना है कि किसी के लिए नौकरी नहीं दे सकते हैं, उन्होंने यहां तक कहा कि बिरेंद्र राम से भी ऐसा ही दबाव डाला जाता था, आज उनको यानी बिरेंद्र राम को कोई नहीं पुछ रहा है। जो संवेदक कार्य को पेंडिंग रखे हैं, उसे भी माननीय कार्य आवंटित करने का दबाव बनाने में लगे हैं, जबकि डीसी का सर्कुलर जारी है कि पेंडिंग रखने वाले संवेदकों को कार्य आवंटित नहीं किया जाय। कई संवेदक निविदा शर्त पुरा नहीं कर रहे हैं, उसे भी टेंडर देने का दबाव दिया जा रहा है। आज भाजपा इस पुरी घटना पर नज़र बनाए हुए हैं। डीएमएफटी की योजना में कमिशन वसुली अभियान को
बीजेपी पुरी तरह से गभीरता से लिया है। भाजपा के प्रदेश स्तर के वरिष्ट नेता का दावा है कि टेंडर मैनेज करने की भूमिका निभाने वाले जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों और माननीय के साथ साथ सभी कार्यपालक अभियन्ता को केन्द्रीय एजेंसी का सामना करना पड़ेगा। भाजपा सूत्रों के अनुसार डीसी और डीडीसी पर गृह मंत्रालय की नज़र है। जिला में संवेदकों का दो गुट होने से सारी गोपनीयता भाजपा के दिल्ली में बैठे जांच एजेन्सी तक बात पहुंच रही है। विधानसभा चुनाव में से पहले ही सभी कार्यपालक अभियंता पर गाज गिर सकती है। जिस टेंडर में संवेदक को अपना पेपर वापस लेने का दवाब बनाया गया है, उस टेंडर पर कार्यपालक अभियंता पर सावल खड़ा किया जायेगा।

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