बदलाव के लिए तैयार बहरागोड़ा विधानसभा की जनता
बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी ने आज से *पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा* की शुरुआत की। इस यात्रा का आरंभ ज्वालाभांगा चौक पर स्थित महान स्वतंत्रता सेनानी सिधो कान्हो की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। यात्रा के पहले दिन बडामार, जामुआ, चंदनपुर और कालियाम पंचायतों का दौरा किया गया।
कुणाल षड़ंगी ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में बहरागोड़ा विधानसभा को 20 साल पीछे धकेल दिया है और आज बहरागोड़ा विधानसभा अपराध और भ्रष्टाचार का केन्द्र बन चुका है। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि जनता बदलाव की दिशा में आगे बढ़े और बहरागोड़ा को फिर से विकास के पथ पर लौटाया जाए।”
यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को उठाया, जिनमें बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी प्रमुख थी। कुणाल ने भरोसा दिलाया कि इन सभी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। बड़ामारा में बिजली के तार लोगों के घरों के ऊपर से गुजर रहे थे, जिसे लेकर कुणाल ने तुरंत बिजली विभाग से बात कर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
झारखंड आंदोलनकारी सेनानी लागदा हांसदा के परिवार को अभी तक पेंशन नहीं मिल पाई है। कुणाल षड़ंगी ने उनकी छोटी बेटी सजनी हांसदा को पढ़ाई के लिए *लिली फाउंडेशन* की मदद से स्कॉलरशिप दिलाने की व्यवस्था की। इसके अलावा, जामुआ के अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति की समस्या को भी उठाया, जिस पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से बात कर तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कुणाल ने चंदनपुर की जलापूर्ति योजना का भी जिक्र किया जो उनके कार्यकाल में शुरू की गई थी।लेकिन वर्तमान विधायक की निष्क्रियता के कारण आज उपयोग में नहीं आ पा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना को फिर से चालू कर लोगों को इसका लाभ दिलाया जाएगा।
यात्रा के दौरान महेंद्र पाल, जो कि कोविड महामारी के दौरान कोयंबटूर में फंसे हुए थे, उन्होंनेन कुणाल षड़ंगी से मिलकर उन्हें धन्यवाद दिया। कुणाल की मदद से ही महेंद्र पाल सुरक्षित अपने घर वापस आ पाए थे।
कुणाल षड़ंगी ने जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक पहल नहीं, बल्कि क्षेत्र के पुनर्निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा, “बहरागोड़ा की जनता बदलाव के लिए तैयार है, और हम मिलकर इस क्षेत्र को एक बार फिर से विकास की मुख्यधारा में शामिल करेंगे।”
यात्रा के दौरान,देव नारायण लेखा,ठुकाई किस्कु, चंदाई मुर्मू, सोना राम, फ़ुदन हँसदा,दुर्गा चरण मुर्मू, शिबू मंडी,रघु किस्कु दशरथ हांसदा, सूरज दलाई,राम स्वरूप यादव,लोचन बेरा,प्रदीप गिरी, रामा नंद गोस्वामी, शिवाजी मोहंती, मनिदार पाल, राम जीवन पाल, हांसदा, , कमल , संजय सिंह, डॉक्टर हांर विनय गिरी, झंडू महाकुड़, गंगा नारायण दास, छोटू कर्मकार, और बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हुए।