हेमंत सरकार के वनपट्टा वितरण में देरी पर भारतीय जनता पार्टी की कड़ी प्रतिक्रिया
◆ वन क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी भाई बहनों को वनपट्टा देने का वादा कब पूरा करेगी हेमंत सरकार : गीता कोड़ा
◆ वन पट्टा मामले में हेमंत सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में होगा आंदोलन : मधु कोड़ा
तिलक कुमार वर्मा/चाईबासा। सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र – आदिवासी और अन्य समुदायों के भाई-बहन जो सदियों से सारंडा और पोडाहाट के वन क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं, आज भी अपने वन अधिकारों से वंचित हैं। जल, जंगल, जमीन की प्राथमिकता में जीवन यापन करने वाले इन लोगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि पट्टा वितरण की योजना बनाई गई थी। 2023 में, झारखंड की हेमंत सरकार ने व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इन पट्टों के लिए आवेदन मांगे थे, जिसके तहत लाखों लोगों ने उम्मीद की कि उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी। परंतु, हेमंत सरकार की उदासीनता और निष्क्रियता के कारण पांच साल बीतने के बावजूद भी वन क्षेत्र में रहने वाले गरीब आदिवासी समुदायों को वन पट्टा नहीं मिल पाया है। यह सरकार गरीबों और वनवासी भाइयों-बहनों के साथ छल कर रही है और उनके हक-अधिकारों की अनदेखी कर रही है। इसी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने “घंटा बजाओ, सरकार जगाओ” कार्यक्रम के तहत 22 अगस्त से व्यापक आंदोलन की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत 3 सितम्बर से 7 सितम्बर तक क्रमशः नोवामुंडी, मनोहरपुर, जगन्नाथपुर, गोईलकेरा, और टोन्टो प्रखंडों में विशाल पदयात्रा एवं आम सभाएं आयोजित की जाएंगी। 7 सितम्बर को टोन्टो प्रखंड में धरना प्रदर्शन का आयोजन कर, वन पट्टा वितरण की मांग को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने टोन्टो प्रखंड के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों के बीच जन जागृति अभियान चलाया और उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह समय है कि हम सब एकजुट होकर अपने हक और अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और हेमंत सरकार को सोते से जगाएं। हम हेमंत सरकार से मांग करते हैं कि वह तत्काल प्रभाव से वन अधिकार अधिनियम के तहत आदिवासी और अन्य वनवासी समुदायों को उनके हक के पट्टे वितरित करे और उनकी मांगों को गंभीरता से लेकर उचित समाधान प्रस्तुत करे।