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मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना के क्रियान्वयन पर भाजपा ने उठाया सवाल

कहा मइयां सम्मान योजना बन गयी परेशानी योजना

जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा- चुनाव के मद्देनजर बिना तैयारी के लिए लायी गयी योजना, जनता को फिरसे ठगने का हो रहा प्रयास

जमशेदपुर। झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना के सहारे चुनावी नैया को पार करने का इरादा लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह योजना बाउंस बैक होता दिखाई दे रहा है। इस योजना में कुव्यवस्था और बिचौलियों के हावी होने पर भाजपा ने हेमंत सरकार पर योजना के नाम पर जनता को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया। भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने हेमंत सरकार पर बिना तैयारी के योजना लाने पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार से सभी मोर्चो पर विफल साबित हुई हेमंत सरकार ने सिर्फ चुनावी नैया को पार करने के लिए तकनीकी तैयारी को दुरुस्त किए बगैर फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरु कर दी। साथ ही नियमों को लेकर शासन-प्रशासन और जनता के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। घरों की माताएँ-बहनें योजना में आवेदन करने के लिए हर दिन घंटों लाइन में खड़ी हो रही है। लेकिन हर दिन उन्हें परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि इस योजना को सिर्फ चुनाव को देखते हुए लाया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी झामुमो-कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने जनता से दर्जनों वादे किए लेकिन सरकार बनने के बाद किसी भी वादों को पूरा करने की हिम्मत नही जुटा पाई। उन्होंने कहा कि इस योजना के नाम पर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार फिरसे ठगी करने का प्रयास कर रही है। मइयां सम्मान योजना अब जनता के लिए परेशानी योजना बन गई है। राज्य की भोली भाली जनता को इस योजना के नाम पर परेशान किया जा रहा है। ऐसी योजना से जनता को सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 2019 में झामुमो ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं से वादा किया था कि सरकार बनते ही गरीब महिलाओं के खाते में हर साल 72000 दिए जाएंगे। इस हिसाब से 5 साल में 3.60 लाख महिलाओं को मिल जाने थे। लेकिन अब चुनाव से पूर्व महिलाओं को सिर्फ दो महीने के लिए ही 1 हजार रुपये प्रतिमाह देने देकर दिग्भ्रमित करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह योजना सिर्फ चुनाव तक के लिए सीमित होकर रह जायेगी। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने सभी पेंशन को तीन हजार करने, 2 हजार प्रतिमाह चूल्हा खर्च देने समेत आवास योजना में तीन लाख रुपये देने का बड़ा वादा किया था। लेकिन गठबंधन सरकार ने इनसब में एक वादा भी पूरा नही किया।

जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने पिछले दिनों जमशेदपुर में शहीद निर्मल महतो की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा फिरसे सरकार बनने पर एक लाख रुपये देने के घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि सीएम हेमंत सोरेन झारखंड के आंदोलनकारी शहीद के नाम पर बार-बार राजनीति कर रहे हैं। इससे पहले भी वर्ष 2019 में उनकी शहादत दिवस पर जमशेदपुर में युवाओं से वर्ष में 5 लाख नौकरी देने अथवा राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की थी। लेकिन आज सबसे अधिक अत्याचार और ठगी युवाओं से की गई। कहा कि 2019 का चुनाव भी गठबंधन ने झूठे वादों पर लड़ा था। इस बार भी चुनावी प्रलोभन के सहारे लोगों को ठग कर लड़ने की तैयारी हुई है। उन्होंने कहा कि जनता ने इस बार वादाखिलाफी, कारनामों और भ्रष्टाचार के कारण झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार को बाहर का का रास्ता दिखाने का मन बन लिया है।

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