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अंतर्राष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच पर धूमधाम से मनाया गया श्रावण मास का त्यौहार

अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच भारत एक ऐसा मंच है जिसमें मानवीय मूल्यों को स्थापित करने के लिए, समय समय पर काव्य गोष्ठी और विचार गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं, मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए सतत् प्रयास करने की आवश्यकता है, इसलिए बार बार ऐसे विषय रखे जाते हैं जिनसे मानवीय मूल्य व्यक्ति को आत्मसात करने के अवसर प्राप्त होते रहें| विश्व में मानवीय मूल्यों पर इस समय निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है, जबकि स्वार्थ के कारण व्यक्ति मानवीय मूल्यों से हट रहा है, इन्हीं उद्देश्यों पर यह मंच कार्य कर रहा है| हर धर्म, त्यौहार, महीने और उपवास को महत्व देते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच पर दिनांक 28/07/2024 रविवार को विषय श्रावण मास पर आयोजित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। श्रावण मास एक ऐसा महीना है जिसमें व्रत त्यौहार बरसात आदि की सौगात होती है। इस कार्यक्रम में बड़े-बड़े साहित्यकारों ने भाग लिया जैसे कि आदरणीय श्री पुहुप राम यदु मोपर भाटापारा छत्तीसगढ़, डॉ राम निवास तिवारी आशु कवि मध्यप्रदेश, डॉ अर्चना पाण्डेय भिलाई दुर्ग छत्तीसगढ़, श्री नंदकिशोर बहुखंडी देहरादून उत्तराखण्ड,प्रियंका भूतड़ा बरगढ़ ओडिशा, श्री रमेश कुमार द्विवेदी चंचल सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश, आदरणीया नाहिदा शाहीन जी ओडिशा, आदरणीय डॉ शरद नारायण खरे मंडला मध्यप्रदेश, डॉ मधुसूदन तिवारी जी महाराजपुर जिला मंडला मध्यप्रदेश, डॉक्टर कुमारी चंदा देवी स्वर्णकार, आदरणीया उर्मिला कुमारी कटनी मध्यप्रदेश, बद्री नाथ विश्वकर्मा (सवरिया )गोरखपुर, तीर्थ देव शर्मा ‘सरल’ पीलीभीत, आदरणीया प्रेरणा बुड़ाकोटी,आदरणीया श्रद्धा सिंह जी प्रयागराज उत्तर प्रदेश, भारत भूषण वर्मा असंध करनाल हरियाणा, आदरणीया प्रज्ञा आंबेरकर मुंबई महाराष्ट्र, श्री रतिराम गढ़ेवाल जी ज्ञान पिपासु जी रायपुर छत्तीसगढ़ ,आदरणीया माला सिंह जी मेरठ उत्तर प्रदेश, महेश प्रसाद शर्मा बरेली मध्यप्रदेश, सुनंदा गावंडे बुरहानपुर मध्य प्रदेश, आदरणीय डॉ देवी दीन अविनाशी हमीरपुर उत्तर प्रदेश, डॉ अंबे कुमारी बोधगया बिहार, डॉ कृष्णा जोशी इंदौर मध्यप्रदेश, श्री सुशील कुमार पाठक बलौदा बाजार छत्तीसगढ़। इन साहित्यकारों में श्रावण मास विषय पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति किसी ने अपनी कविताओं, रचनाओं विचारों और पंक्तियां के जरिए श्रावण मास का व्याख्यान किया। कुछ साहित्यकारों ने ईश्वर के भजन कीर्तन और मंत्र उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की तो वही कुछ साहित्यकारों ने प्रकृति से जुड़े सावन की परिभाषा का वर्णन किया। सभी की प्रस्तुति ज्ञानवर्धक रही। अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच की संस्थापिका आदरणीय माला सिंह जी है।
जिन्होंने श्रावण मास विषय पर अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए कहा सावन का महीना मनुष्य जीवन में हरियाली रहता है। प्रकृति हरी भरी रहती है जिसका अच्छा प्रभाव मनुष्य के शारीरिक-मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन पर पड़ता है। ऐसे हरे भरे वातावरण को रखने के लिए हमें प्रकृति से प्रेम कर अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे ताकि हम बाकी महीना में भी हरियाली का आनंद ले सके। श्री महेश प्रसाद शर्मा जी ने कार्यक्रम का विषय श्रावण मास पर अपने विचारों को उपस्थित करते हुए कहा कि एक वर्ष में बारह महीने होते हैं, सभी महीनों के अपने अपने युग धर्म हैं, लेकिन श्रावण माह एक बहुआयामी युग- धर्म लिए आता है, जिसमें,शिव जी की आराधना और व्रत, जलाभिषेक समाहित होता है, वहीं मुंशी प्रेमचंद जयंती, नागपंचमी, गोस्वामी तुलसीदास जयंती, भारतीय स्वतंत्रता दिवस,योगी अरविन्द जयंती भी मनाई जाती हैं, जो हमारे व्यक्तित्व को प्रेरणा से भर देता है|बहुत आयामी है यह श्रावण मास। जब श्रावण मास आता है तो प्रकृति में हरीतिमा, और चहुंओर जल के दर्शन होते हैं| आदरणीय महेश प्रसाद शर्मा जी अंतर्राष्ट्रीय मालवीय मूल्यों की माला के संगठन मंत्री एवं मंचीय व्यवस्था प्रभारी भी है। मंच संचालन सुनंदा गावंडे और श्री महेश प्रसाद शर्मा जी ने किया। अंत में श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया और भविष्य में आने वाले कार्यक्रम की कामना की गई।

प्रेरणा बुड़ाकोटी
नई दिल्ली

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