…. पार्टी….
सजनी साजन संग पार्टी में जाए तो
सज- संवरकर थोड़ा सा इतराए।।
तिरछी नजरों से अगर साजन देखें
तो अप्सरा सा रूप चमक जाए ।।
पार्टी में सबको वो अपनापन दिखाए पर
भोजन के वक्त सजनी की याद आ जाए।।
फिर पार्टी में सजनी संग गोलगप्पे खाए,
लज़ीज पकवानों का भी लुत्फ दोनों उठाएं।।
संग तस्वीरें खींचना तो उनका बहाना है
मकसद तो एक दूसरे को दीवाना बनाना है।।
एक दूसरे के नशे से माहौल हो जाए मस्ताना।
मनमयूरा मस्ती में झूमे तो खुशी का ना ठिकाना ।।
पार्टी की खुशी में रोमांटिक यादों का जोडो़ं खजाना।
यही मधुर स्मृतियां ही क्योंकि जीने का असली बहाना।।
एक दूसरे के भाव कभी न दम तोड़े तो
सजनी भावों की मल्लिका का ताज पहनें ।।
डा० प्रेरणा गर्ग दिल्ली
स्वरचित