नए आपराधिक कोड पर बार काउंसिल कार्यशाला का आयोजन करे अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू
वाइस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ला को अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने पत्र भेजा
जमशेदपुर। भारत सरकार ने 1 जुलाई से तीनों नए अपराधी कोड को देशभर में लागू करने का फैसला लिया है। इसे लेकर न्यायपालिका कार्यपालिका में व्यापक तैयारी चल रही है। देश भर में लगातार कार्यशाला आयोजन किया जा रहे हैं और जमशेदपुर इसका अपवाद है।
इसकी आवश्यकता एवं व्यावहारिकता को देखते हुए बड़ी अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने झारखंड राज्य बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ला को पत्र लिखकर कार्यशाला की कड़ी आहूत करने का आग्रह किया है।
दिसंबर 2023 में भारतीय संसद द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कोड भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) पारित किया गया जो पुराने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भारतीय आपराधिक दंड प्रक्रिया(सीआरपीसी), एवं इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेगा।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार पुलिस कर्मियों को तथा न्यायपालिका अपने अधीनस्थ सभी स्तर के न्यायिक पदाधिकारी को इसकी ठोस जानकारी देने हेतु लगातार कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है।
जमशेदपुर एवं घाटशिला बार एसोसिएशन के माननीय सदस्यों को तीन आपराधिक कोड की जानकारी दी जानी चाहिए।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार उपसभापति संवेदनशील रूख अपनाते हुए कार्यशाला आयोजित करने के साथ ही निशुल्क कानून की तीनों पुस्तक उपलब्ध कराने का कार्य करें।