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सरायकेला से उड़ीसा को जोड़ने वाले हाईवे निर्माण का विरोध करने वाले ग्रामीणों को पुलिस ने पिटा

सरायकेला। अंचल कार्यालय के अधीन तीतिरबिला मौजा में सरायकेला से उड़ीसा को जोड़नेवाले हाईवे निर्माण का विरोध करना ग्रामीणों को महंगा पड़ गया है। शुक्रवार को पारंपरिक हरवे हथियार के साथ ग्रामीणों ने जैसे ही सड़क निर्माण का विरोध शुरू किया पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों को खदेड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों पर जमकर लाठियां भांजी, इसमें कई ग्रामीण घायल भी हुए हैं।

लाठीचार्ज के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने बताया कि यह जमीन उनके पुरखों की है। यहां खेती के अलावा देव स्थल भी है। उन्होंने बताया कि बगैर ग्रामसभा के सरकार ने उनके जमीन पर सड़क निर्माण कार्य शुरू कराया है जिसका हम विरोध करते हैं।

ग्रामीणों का कहना है सुबह 300 की संख्या में पुलिस बल के साथ प्रशासन की टीम पहुंची और जबरन खेतों में जेसीबी चलाना शुरू कर दिया। जैसे ही इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई सभी विरोध करने पहुंच गए। तभी प्रशासन ने लाठी चार्ज करना शुरू कर दिया और अंशु गैस के गोले भी दागे। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने मुंडा जबरन गांव के पारंपरिक मुंडा को भी जीप में बैठा कर ले जया जा रहा था, ग्रामीणों के विरोध के बाद उनको रिहा करना पड़ा। ग्रामीण अब भी विवादित स्थल पर डटे हैं और किसी भी सूरत में अपने पुरखों की ज़मीन और देव स्थल को देने के लिए तैयार नहीं है।

आपको बता दें कि दो साल पूर्व स्थानीय विधायक सह तत्कालीन मंत्री जो अब सूबे के मुखिया चंपाई सोरेन हैं ने उक्त सड़क की आधारशिला रखी थी। इस सड़क के बन जाने से सरायकेला से उड़ीसा का मार्ग सुगम हो जाएगा, मगर ग्रामीण इसके विरोध में उतर गए हैं। वैसे लोकसभा चुनाव के बाद जिला प्रशासन भी अब एक्शन में है। फिलहाल काम तो बंद है। मगर देखना यह दिलचस्प होगा कि इस लड़ाई में जीत किसकी होती है, क्योंकि छः महीने बाद ही यहां विधानसभा चुनाव भी होने हैं।

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