ऊर्जा दक्षता उपायों को बढ़ावा देने के लिए ईईएसएल ने ईएमसी केरल और केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड के साथ किया समझौता
रांची । विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऊर्जा दक्षता के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के अपने प्रयासों के तहत, ऊर्जा मंत्रालय (भारत सरकार) के अंतर्गत एक संयुक्त उद्यम, ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) ने केरल के ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (ईएमसी) और केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) के साथ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते पूरे भारत में पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा-कुशल समाधानों को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए इन संगठनों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
समझौते पर आदेश सक्सेना, ईईएसएल के खुदरा बिक्री प्रमुख और हरिकुमार रामदास, ईएमसी के निदेशक की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य ई रिटेल पार्टनर मॉडल के माध्यम से ईईएसएल के ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों को एकीकृत और प्रदर्शित करके ऊर्जा कुशल उपकरणों की दृश्यता को बढ़ाना है। यह साझेदारी उपभोक्ताओं को ईईएसएल मार्ट से सीधे एलईडी बल्ब, बीईई 5-स्टार रेटेड बीएलडीसी पंखे, एलईडी ट्यूब लाइट, आपातकालीन रिचार्जेबल इन्वर्टर बल्ब, दक्ष एयर कंडीशनर और इंडक्शन कुकटॉप जैसे उपकरणों को खरीदने की सुविधा प्रदान करेगी। इन उपकरणों को डिस्कॉम वेबसाइट के माध्यम से ऑर्डर किया जा सकता है और इसे सीधे उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचाया जाएगा।
दूसरी ओर ईईएसएल और केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) ने ऊर्जा दक्षता उपायों में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर सीयूजे के वाइस चांसलर क्षिति भूषण दास की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए और सीयूजे के रजिस्ट्रार के. कुशाला राव और ईईएसएल के विक्रय एवं जनसंपर्क प्रमुख अनिमेष मिश्रा के बीच इसका आदान-प्रदान किया गया। हस्ताक्षर समारोह के दौरान झारखंड के स्टेट हेड (ईईएसएल), रणवीर सिंह एवं अजरेश उपस्थित रहे। स्टेट हेड ने सदस्यों को ऊर्जा दक्षता के लाभों और वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने में इसके महत्व के बारे में बताया।
इस अवसर पर ईईएसएल के सीईओ विशाल कपूर ने कहा, ‘हम ऊर्जा-कुशल उत्पादों की दृश्यता और पहुंच बढ़ाने के लिए इन महत्वपूर्ण पहलों पर ईएमसी, केरल और केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड के साथ साझेदारी करके खुश हैं। इससे हम उपभोक्ताओं और संस्थानों को सतत भविष्य की दिशा में जागरूक निर्णय लेने के लिए सशक्त बना सकते हैं।