संविधान और आदिवासी अस्मिता बचाने के लिए मैं चुनाव मैदान में हूं : सुखदेव भगत
झामुमो के विधायक चमरा लिंडा द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नाम दाखिला करने पर कहा- चमरा लिंडा मेरे छोटे भाई हैं, नादान हैं
लोहरदगा। संविधान और आदिवासी अस्मिता खतरे में है इसलिए मैं इसे बचाने के लिए चुनाव मैदान में हूं। उक्त बातें इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत ने लोहरदगा लोकसभा सीट पर नामांकन दाखिल करने के लिए लोहरदगा के सरना पूजा स्थल झखरा कुंबा, और हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना और हजरत बाबा दुखन शाह के मजार पर माथा टेकने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहीं।
सुखदेव ने कहा कि यह चुनाव संविधान, लोकतंत्र और आदिवासी अस्मिता बचाने की लड़ाई है। बृहस्पतिवार का दिन मैंने नामांकन के लिए चुनाव क्योंकि आज मैंने सरना माता की पूजा की और प्रार्थना की कि हमारे देश में लोकतंत्र संविधान कायम रहे और हम गांधीवादी रास्ते पर चलें। अगर मैं चुनाव जीतता हूं तो संसद में मेरा पहला प्रश्न सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर होगा।
इंडिया गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने और यह कहने कि उनकी लड़ाई भाजपा के साथ है, कांग्रेस इस मुकाबले में कहीं नहीं है, सुखदेव भगत ने कहा कि चमरा लिंडा उनके छोटे भाई हैं, नादान हैं। उन्हें अपनी गलती का एहसास होगा। यह समाज की लड़ाई है उन्हें साथ देना चाहिए था। आवेश में नहीं बल्कि विवेक से काम लेना चाहिए था। उन्होंने गलती की है। मैं तो सरना मां से यही प्रार्थना करूंगा कि उन्हें सद्बुद्धि दें। और उन्हें माफ कर दें।
प्रधानमंत्री के मंगलसूत्र वाले बयान पर सुखदेव भगत ने कहा कि मंगलसूत्र एक भावना है। एक महिला उसे धारण करती है और उसके साथ बहुत सारी चीज निहित हैं। प्रधानमंत्री ने उसका भी मखौल उड़ाया है। मुझे लगता है कि भारतीय संस्कृति भारतीय पद्धति के बारे में मोदी जी को सीखना चाहिए जानना चाहिए। वचन से नहीं उन्हें कम से जानना चाहिए।