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इंदौर में विधाता और सोलआर्ट द्वार अयोजित वैदिक पद्धति द्वार ऑरा हेल्थ चेक अप कैंप को मिली लोगो से प्रशंसा और सहयोग


इंदौर। विधातास भारतीय पारंपरिक चिकित्सा एवं गुरुकुल और सोलआर्ट के द्वारा निःशुल्क ऑरा हेल्थ चेक अप कैंप का आयोजन किया, श्रीनगर एक्सटेंशन इंदौर में। जिसमें औरा रीडिंग, वैदिक हीलिंग, बॉडी एलाइंमेंट्, टैरो कार्ड रीडिंग, ज्योतिष एवं वास्तु परामर्श के अलावा आहार विशेषज्ञ द्वारा निःशुल्क सलाह दी गई।

शिविर के दौरान विधातास् के संस्थापक निदेशक डॉ. रवींद्र बागे एवं डॉ. लताश्री ने भारतीय वैदिक चिकित्सा पद्धति के विषय में, वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक तरीकों से समझाया कि किस प्रकार आभा मंडल की चिकित्सा के द्वारा शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक ऊर्जा के अवरोध को दूर किया जा सकता है ,अपने ऊर्जा के स्तर को बढ़ाया जा सकता है और बिना दवाइयो के स्वस्थ स्वयं को रखा जा सकता है।

डॉ. रचना सिंह, सोल आर्ट की संस्थापक, ने बताया है कि आज के तनावपूर्ण समय में हमें दवाओं के बिना अपना उपचार करने की आवश्यकता है, वैदिक हीलिंग के माध्यम से। हमारे भीतर के पंचतत्वों को संतुलित करके हम एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। पंचतत्वों का संतुलन हम बिना दवाओं के कई तरीकों से कर सकते हैं – जैसे कि वैदिक हीलिंग, एक्यूप्रेशर, वास्तु, मंत्र हीलिंग आदि।

इस शिविर में एक्यु- कायरो प्रैक्टिशनर डॉ. अनिल सरावगी, वास्तु एस्ट्रो वैदिक हीलर डॉ. रचना सिंह परमार, आहार विशेषज्ञ श्रीमती नेहा गर्ग के अलावा मास्टर स्पिरिटुअल् हीलर डॉ. प्रियंका परमार, डॉ. राजश्री देशपांडे, श्रीमती निमिषा पांडे, श्रीमती अंजली राव ने इस शिविर में निःशुल्क, निस्वार्थ जनहित में सेवा दी, जिससे अनेक लोग लाभान्वित हुए। इस शिविर में समाज के प्रतिष्ठित लोग डॉ. रजनीश श्रीवास्तव, श्रीमती सुरुचि मल्होत्रा, डॉ. मनीषा गौर, श्रीमती सोनू उदावत, श्रीमती अनामिका सिटलानी , श्री प्रशांत कुलकर्णी , श्री कार्तिक ठाकुर ने अपनी उपस्थति दिखा कर इस वैदिक चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित किया।

आजकल डिजिटल युग में पीठ दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द संबंधित समस्या हर वर्ग मे लगातार कार्य प्रणाली की वजह से होती जा रही है, जिसमें काइरो – एक्यूप्रेशर मिश्रित चिकित्सा से पूर्णतः स्वस्थ हुआ जा सकता है। टैरो, ज्योतिष, वास्तु मार्गदर्शन से सुख शांति, समृद्धि से रहने की कला विकसित की जा सकती है। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली बिना दवाइयो के बिना साइड इफेक्ट के चिकित्सा पद्धति है, जो युगो से चली आ रही है, जो वर्षों से विलुप्त हो रही थी। इसे पुनः जीवित करने में मंत्र चिकित्सा, कॉस्मिक हीलिंग चिकित्सा का बहुत महत्व है। जिसमे कुंडलिनी शक्ति की चैतन्य ऊर्जा बह्मांडीय दिव्य ऊर्जा से मिलकर दिव्य संपर्क बनाती है, जिस से व्यक्ति में ऑटो हीलिंग अपने आप होने लगती है, और हम शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर स्वस्थ होने लगते हैं, तो हम पूर्णतः विकसित और संतुलित जीवन जी सकते हैं।

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