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राजा बलि का अभिमान तोड़ने के लिए भगवान ने लिए वामन अवतार : सर्वज्ञानन्द महाराज

साकची रामलीला मैदान में भागवत कथा का तीसरा दिन

जमशेदपुर। साकची श्री रामलीला मैदान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार को व्यास पीठ से कथावाचक स्वामी सर्वज्ञानन्द जी महाराज ने श्री बलि वामन भगवान प्रसंग में भगवान विष्णु के पांचवे अवतार की सुंदर कथा भक्तों को सुनाई। कहा भगवान की लीला अनंत है और उसी में से एक वामन अवतार है। उन्होंने कहा कि राजा बलि के अभिमान को तोड़ने के लिए भगवान ने वामन अवतार लिए। राजा बलि की परीक्षा ली और तीन पैरों में सारा संसार नापकर अपने असली रूप का दर्शन दिया। कथावाचक ने कहा कि दैत्यों का राजा बलि बड़ा पराक्रमी था। उसने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। वामन रूप में विराजमान भगवान विष्णु राजा बलि के यहां पहुंचे। बलि से उन्होंने कहा राजा मुझे दान दीजिए। मुझे तीन पग धरती चाहिए। दैत्यगुरु भगवान की महिमा जान गए और बलि को दान का संकल्प लेने से मना किया। बलि ने कहा यदि यह भगवान हैं तो भी मैं इन्हें खाली हाथ नहीं जाने दे सकता। भगवान वामन ने एक पग में बलि का राज्य और दूसरे पग से स्वर्ग का राज नाप लिया। अगला भगवान ने कहा तीसरा पग कहां रखूं। इसके बाद उन्होंने राजा से कहा कि अब मैं तीसरा पग कहां रखूं? ये सुनकर राजा बलि का अहंकार टूट गया। तब बलि ने कहा कि तीसरा पग आप मेरे सिर पर रख सकते हैं। बलि की दान वीरता देखकर वामन देव प्रसन्न हुए और उसे पाताल लोक का राजा बना दिया। प्रसंग सुनकर श्रोता जयकारे लगाने लगे। श्री श्री रामलीला उत्सव समिति द्धारा आयोजित भागवत कथा में चौथे दिन मंगलवार को दोपहर 3 बजे से महाराज जी श्रीकृष्ण लीला, श्री गोवर्धन पूजा, झूला उत्सव, छप्पन भोग, श्रीराम जन्म, श्री कृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव की कथा का विस्तार से प्रसंग सुनायेगें। तीसरे दिन सोमवार को यजमान क्रमशः गीता-डा. डीपी शुक्ला, सुनीता-नवल झा, रानी-संतोष पांडेय थे। कथा में प्रमुख रूप से रामफल मिश्र, गोपी बाबू, शंकर सिंघल, रामकेवल मिश्र, अनिल कुमार चौबे, मनोज कुमार मिश्र, पवन अग्रहरी, रोहित कुमार मिश्र, सुरेश पाण्डे, मगन पाण्डे, महेश तिवारी, अवधेश मिश्र, द्धारिका प्रसाद, प्रमोद खंडेलवाल, प्रदीप चौधरी सहित बड़ी संख्या में पधारकर प्रभु कथा प्रेमियों द्वारा निष्ठा एवं भाव पूर्वक प्रभु कथा का रसपान किया गया। इस भागवत कथा के आयोजन में स्व. मुन्ना बाबू गुप्ता ट्रस्ट विशिष्ठ सहयोगी है।

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