गीता कोड़ा के तुफानी दौरा से महागठबंधन दल का नामोनिशान नहीं,महागठबंधन दल कांग्रेस और जेएमएम सिंहभूम लोकसभा का प्रत्याशी का नाम घोषित करने में नाकाम हैं
महागठबंधन के प्रत्याशी को जिताना चंपई सोरेन और दीपक बिरूआ के लिए चुनौती,दोनों ही कोलहान से एक मुख्यमंत्री तो दुसरा परिवहन मंत्री
संतोष वर्मा/चाईबासा।कोड़ा दंपति का भाजपा में आते ही भाजपा के नेता कार्यकर्ता ऊर्जावान हो चुके हैं,लोकसभा चुनाव कार्यक्रम में सबसे अधिक रफ्तार से किया जा रहा है।मंगलवार की बूथ लेवल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है,जिस में जिला के सभी पूर्व विधायक पदधारी और बूथ कमिटी की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में होगी।सबसे आश्चर्य की बात यह है कि महागठबंधन दल कांग्रेस और जेएमएम सिंहभूम लोकसभा का प्रत्याशी का नाम घोषित करने में नाकाम है। ऐसे में कोड़ा दंपति के विजय रथ को रोकने में कैसे सफल हो पायेंगे,यह एक बड़ी चुनौती महागठबंधन सरकार के लिए है। इस लोकसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का और हैट्रिक करने वाले विधायक सह परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ जी का राजनीतिक प्रोफाईल पर बट्टा लगने का सवाल खड़ा है। कोड़ा दंपति का कांग्रेस पार्टी को छोड़ते ही जिला कमिटी अपने गुटबाजी को संभाल नहीं पा रही है। गीता कोड़ा का तुफानी दौरा से महागठबंधन दल काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। समय रहते जेएमएम अपना स्टैंड क्लियर नहीं करती है तो जीती हुई बाजी हारने जैसी होगी।
गीता कोड़ा के तुफानी दौरा से महागठबंधन दल का नामोनिशान नहीं।जेएमएम समय रहते सिंहभूम लोकसभा सीट पर अपना स्टैंड क्लियर करे।कांग्रेस पार्टी अपने अंदरूनी खींच तान और गुटबाजी के कारण जेएमएम अपना प्रत्याशी घोषित करने पर विचार कर रही है।सिंहभूम लोकसभा सीट से महागठबंधन के प्रत्याशी को जिताना चंपई सोरेन और दीपक बिरूआ के लिए चुनौती।