मृतक परिवार एवं कानबाई गाड़ी ठेकेदार के बीच समझौता संपन्न हुआ
जमशेदपुर । गत दिनों सीतघोड़ा थाना क्षेत्र में हुई जगदीप सिंह गोलू की हत्या के मुख्य आरोपी करमजीत सिंह उर्फ करमें रोहित सिंह आनंद सिंह को पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने के बाद आज शाम को रात्रि 9:00 बजे कालू सिंह बागान में खड़ी 8 कनवाइ गाड़ियों को उठाने के लिए ठेकेदार विजय सिंह कालू बागान पहुंचे तब तक इसकी जानकारी स्थानीय नागरिकों को हो गई उन्होंने कानबाई गाड़ियों को नहीं लेकर जाने दिया इसकी सूचना तत्काल केंद्रीय कमेटी के प्रधान भगवान सिंह एवं चेयरपर्सन सरदार शैलेंद्र सिंह को दी गई वे तत्काल कालू बागान पहुंचे उन्होंने कार्रवाई लेकर जाने से रोका इस दौरान सित घोड़ा थाना के थाना प्रभारी मनोज तिवारी पहुंचे सभी लोगों ने माहौल को शांत करवाया उसके बाद करवाई गाड़ियों के ठेकेदार विजय सिंह एवं मृतक के परिवार तथा सेंट्रल गुरुद्वारा बिरसानगर गुरुद्वारा के प्रतिनिधियों के साथ लिखित समझौता हुआ कि ठेकेदार विजय सिंह तत्काल ₹100000 कैश परिवार को देंगे एवं 29 जनवरी को ₹400000 चेक के माध्यम से देंगे इसकी जानकारी मिलने के बाद सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरपर्सन मैं सरदार शैलेंद्र सिंह वरीय उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह गिल बिरसानगर गुरुद्वारा के महासचिव परमजीत सिंह रोशन एवं जगदीप सिंह गोलू परिवार के लोग भी वहां पहुंचे इस दौरान विजय सिंह एवं मृतक के परिवार एवं केंद्रीय कमेटी के चेयरपर्सन सरदार शैलेंद्र सिंह एवं उनके बीच विजय सिंह ने मृतक परिवार को ₹500000 की सहायता देने का वादा किया और तत्काल ₹100000 कैश मृतक की मां हरजिंदर कौर को तत्काल विजय सिंह द्वारा दिया गया और बाकी ₹400000 29 तारीख को देने का का फैसला हुआ बताया जाता है कि आज वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल से सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह चेयरपर्सन मैं सरदार शैलेंद्र सिंह उनके कार्यालय में मिले थे और उन्हें परिवार की आर्थिक स्थिति से अवगत कराया था समझौते पर मृतक परिवार के सदस्य विजय सिंह सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी के चेयर पर्सन सरदार शैलेंद्र सिंह वरीय उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह गिल बिरसा नगर गुरुद्वारा के मांस की परमजीत सिंह रोशन एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के दर्शन किए गए तब जाकर करवाई गाड़ियों को छोड़ गया सरदार शैलेंद्र सिंह ने बताया की 27 जनवरी को मृतक के परिवार के साथ सेक्टर कमेटी के प्रतिनिधि वरीय पुलिस अधीक्षक से मिलेंगे और उनसे पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मुआवजा की मांग करेंगे