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गोलमुरी केवल टाउन में निर्मलाधीन श्री लक्ष्मी नारायण बिरला मंदिर में अभिमंत्रित श्री लक्ष्मी नारायण के प्रतिमा का हुआ अधिष्ठापन

जमशेदपुर के गोलुमरी केबुल टाउन स्थित निर्माणाधीन श्री लक्ष्मीनारायण बिड़ला मंदिर में श्री लक्ष्मीनारायण की अस्थायी अभिमंत्रित प्रतिमा का आज अधिष्ठापन हुआ। इस अवसर पर मंदिर के गर्भ गृह का शिलन्यास हुआ। आदित्यपुर के कलाकार विवेक मिश्रा द्वारा श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, केबुल टाउन के प्रांगण में बनाई गई 18500 वर्गफीट की प्रभु राम की रंगोली का उद्घाटन केन्द्रीय कृषि एवं आदिवासी मामले के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के कर कमलो से हुआ। विवेक मिश्रा द्वारा बनाये गये इस रंगोली ने वल्र्ड रेकाॅडर््स बुक आॅफ इंडिया में नाम दर्ज किया है. वल्र्ड रेकाॅर्ड्स बुक आॅफ इंडिया का प्रमाण-पत्र मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के हाथों विवेक मिश्रा के प्रदान किया गया। इसके लिए उन्होंने शुभकामना देते हुए कहा कि प्रयास से सब संभव होता है। श्री मंुडा ने कहा कि विधायक सरयू राय द्वारा वर्षों से बंद अधूरा पड़े मंदिर का जीर्णोद्धार प्रारंभ करने सराहनीय है। इन्होंने अयोध्या में रामलला के विराजमान होने पर खुशी जाहिर करते हुए देशवासियों और जमशेदपुर वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये भारत ही नहीं पूरे विश्व, इस ऐतिहासिक पल का गवाह है।

मंदिर निर्माण समिति के संयोजक जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा की आज का दिन देश के इतिहास में एक यादगार दिन है। आज बाल रूप में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा श्री अयोध्या जी में हुई है। बाल रूप में श्री रामलला की पूजा हो रही है। इस अवसर पर जमशेदपुर के गोलुमरी केबुल टाउन स्थित निर्माणाधीन श्री लक्ष्मीनारायण बिड़ला मंदिर में श्री लक्ष्मीनारायण भगवान का अस्थायी प्रतिमा बैठाया गया है। मंदिर के गर्भ गृह का भी आज के एतिहासिक दिन शिलान्यास हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपलक्ष्य में जमशेदपुर के युवा कलाकार श्री विवेक मिश्रा ने दुनिया के सबसे बड़ी रंगोली श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर प्रांगण में बनाई है।

विधायक सरयू राय ने कहा कि भगवान राम की 18,500 वर्ग फीट में बनाई गई रंगोली विश्व रिकॉर्ड बनी है। 26 जनवरी तक यह रंगोली मंदिर में देखने को मिलेगी। उसके उपरांत मंदिर निर्माण का कार्य पुनः प्रारंभ होगा और मंदिर प्रांगण का काम शरू होगा. राम नवमी तक गर्भ गृह तैयार हो जाएगा। गर्भ गृह में बाहर का ढांचा बनाया जायेगा। जिसके उपरांत भगवान लक्ष्मीनारायण की संगमरमर की स्थायी प्रतिमा का अधिष्ठापन मंदिर के गर्भ गृह में कर दिया जायेगा और वर्तमान अस्थायी प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाएगा। श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में दिनभर पूजन कार्य चलता रहा, हजारोंझार की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। मंदिर परिसर पुरी तरह से मिनी अयोध्या नगरी के रूप में तब्दील हो गया। संध्या में भजन का कार्यक्रम के पश्चात भोग वितरण किया जाना है।

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