कवि सरदार करम सिंह राही का निधन अपूर्णीय क्षति: भगवान सिंह
सीजीपीसी ने साहित्यकार ‘राही’ के देहांत को बताया एक युग का अंत.
जमशेदपुर। टाटानगर ही नहीं बल्कि देश के विद्वान साहित्यकार और कवि सरदार करम सिंह राही के निधन को भगवान सिंह ने अपूर्णीय क्षति बताया है। शनिवार को सीजीपीसी ने सुबह उनके निधन को एक युग का अंत बताया।
भगवान सिंह ने कहा ता जीवन आदरणीय करम सिंह साहित्य की सेवा करते हुए कई लोगों के प्रेरणास्रोत रहे उनका जाना सिख कौम के लिये बहुत बड़ी क्षति है। महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला व अमरजीत सिंह ने कहा राही जी पूरे समाज को अपनी लेखनी से प्रेरित करते रहे। कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह बेदी सहित सीजीपीसी के सदस्यों के उनके निधन पर संवेदना प्रकट की है।
ज्ञात हो कि सिख साहित्य विद्वान करम सिंह राही का शनिवार को सौ वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वे टाटा स्टील के बड़े-बड़े पदों पर सेवा कर चुके हैं एवं राष्ट्रीय स्तर पर विद्वान साहित्यकार कवि के रूप में जाने जाते रहे हैं इन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है। वह अपने पीछे पुत्र अमृतपाल सिंह दो पुत्रियों सतविंदर कौर व सरबजीत कौर सहित भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। उनके पुत्र अमृतपाल सिंह ने बताया है कि स्वर्गीय राही की शव यात्रा सोनारी स्थित उनके आवास से दो अक्टूबर को 10:30 बजे पार्वती घाट बिस्टुपुर के लिए निकलेगी।