रौशन कु पांडेय
जमशेदपुर. अफगानिस्तान से दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को निकालने में लगे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा था कि 31 अगस्त तक काबुल से लोगों को निकालने का काम पूरा कर लिया जायेगा। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक बयान जारी किया और धमकी भरे लहजे में कहा कि नाटो फोर्स 31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट से नियंत्रण छोड़े और अपने देश लौट जाये। तालिबान की इस धमकी का फ्रांस ने जवाब दिया है। फ्रांस ने साफ शब्दों में कहा कि 31 अगस्त की डेडलाइन के बाद भी हम अपने नागरिकों को काबुल से निकालने का काम जारी रखेंगें। फ्रांस का यह बयान सीधे तौर पर तालिबान को चुनौती है कि अगर उसने रेस्क्यू ऑपरेशन में अड़चनें पैदा की तो ठीक नहीं होगा। माना जा रहा है कि इसमें वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में सेना को रोकने के लिए कहेंगे, ताकि लोगों को काबुल एयरपोर्ट से निकालने के लिए और समय मिल सके।
बाइडेन की बड़ी घोषणा, जिन अफगानियों ने युद्ध में मदद की, उन्हें अमेरिका में देंगे शरण
अफगानिस्तान से सेना बुलाए जाने की घोषणा के बाद चौतरफा घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा ऐलान किया है। बाइडेन ने बीते सोमवार कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जिन लोगों ने अमेरिकी सेना की मदद की है, उन्हें वह शरण देगा। बाइडेन ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक बार स्क्रीनिंग और बाकी औपचारिकताएं हो जाने के बाद हम उन अफगानियों का अपने देश में स्वागत करेंगे जिन्होंने युद्ध के दौरान हमारी मदद की थी।