अपना हक लेने कल पटना साहिब रवाना होंगे झारखण्ड के सिख भगवान सिंह से सहयोग से झारखण्ड की अगुवाई करेंगे शैलेन्द्र सिंह
हल निकलने की उम्मीद; नहीं निकलने पर आंदोलन के लिए होंगे बाध्य: भगवान सिंह
जमशेदपुर। पटना साहिब संचालन समिति द्वारा झारखण्ड के सिखों को दक्षिण बिहार निर्वाचन क्षेत्र से बाहर किये जाने पर सीजीपीसी चुप न बैठते हुए अगली रणनीति के तहत मंगलवार को पटना साहिब रवाना होगी और अपनी बात मौजूदा प्रबंध समिति सामने रखेगी।
सोमवार को इस सिलसिले में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) कार्यालय में कोल्हान के सभी गुरुद्वारों के प्रतिनिधियों संग इसी मुद्दे पर एक अहम बैठक रखी गयी थी। जिसकी अध्यक्षता सरदार भगवान सिंह ने की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कल यानि मंगलवार को अहले सुबह सीजीपीसी सहित अन्य गुरुद्वारों के प्रतिनिधि तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना के लिए प्रस्थान करेंगे। वहां पहुंचकर तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना के निवर्तमान अध्यक्ष सरदार जगजीत सिंह सोही से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा जायेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर झारखण्ड राज्य गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह के सहयोग से पटना साहिब में झारखण्ड के सिखों की अगुवाई करेंगे।
बैठक उपरांत सरदार भगवान सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस समस्या का कोई न कोई हल अवश्य निकलेगा यदि नहीं निकलता है तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि केवल कोल्हान ही नहीं बल्कि बोकारो, रांची और धनबाद से भी प्रतिनिधि पटना साहिब पहुंच रहे हैं। सीजीपीसी के चेयरमैन और झारखण्ड राज्य गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष सरदार शैलेंद्र सिंह का कहना है कि सरदार जगजीत सिंह सोही से मिलकर झारखण्ड के सिखों के अधिकार की बात रखी जाएगी। शैलेन्द्र सिंह ने आगे कहा की सोही के अलावा पटना जिला प्रशासन को भी ज्ञापन सौंपा जायेगा।
भगवान सिंह ने सीधे-सीधे कहा कि सीजीपीसी चाहती है कि हल शांतिपूर्ण तरीके से निकले ऐसा नहीं होने पर लोकतान्त्रिक आंदोलन और धरना प्रदर्शन ही एकमात्र रास्ता बचता है।
बैठक में प्रधान भगवान सिंह केअलावा चेयरमैन एवं झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, चेयरमैन गुरमीत सिंह तोते, उपाध्यक्ष चंचल सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह-गुरचरण सिंह बिल्ला, अकाली दल के सुखदेव सिंह खालसा, रविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नु, रविंदर सिंह, लखविंदर सिंह, दलबीर सिंह,
गुरनाम सिंह बेदी, सुखदेव सिंह बिट्टू, रणजीत सिंह माथारू, प्रकाश सिंह, त्रिलोक सिंह, सलविंदर सिंह, सुजीत सिंह, परमजीत सिंह काले, बलदेव सिंह, जगजीत सिंह गांधी, कुलविंदर सिंह, जोगा सिंह, इंदरजीत सिंह, सुखबीर सिंह, हरजिंदर सिंह, हरभजन सिंह, परमजीत सिंह विक्की, ज्ञानी कुलदीप सिंह, जसवंत सिंह, दर्शन सिंह काले, जोगिंदर सिंह, सतनाम सिंह घुम्मन, ओंकार सिंह एवं हरविंदर सिंह शामिल हुए।