आप सत्य के मार्ग पर चलो, प्रभु आपके साथ चलेंगे – गौभक्त डॉ. संजीव कृष्ण ठाकुर
पाण्डव चरित्र एवं भगवान शुकदेव आगमन रहा द्वितीय दिवस कथा का मुख्य प्रसंग
जमशेदपुर। जुगसलाई श्री राजस्थान शिव मंदिर में सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार को श्रीधाम वृंदावन से पधारे गौभक्त डॉ. संजीव कृष्ण ठाकुर जी महाराजश्री ने व्यास पीठ से पाण्डव चरित्र, राजा परीक्षित श्राप एवं भगवान शुकदेव आगमन कथा के प्रसंग का सुंदर व्याख्यान किया। जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। द्वितीय दिवस कथा प्रसंग में महाराज जी ने बताया कि जब आप धर्म अथवा सत्य के मार्ग पर होते हैं तो आपके जीवन में अनेक विघ्न, बाधाएं उपस्थित हो जाती हैं। कुछ लोग उन विघ्न, बाधाओं से बचने के लिए असत्य का वरण कर लेते हैं पर जिन लोगों द्वारा उन विपरित परिस्थितियों में भी सत्य का दामन नहीं छोड़ा जाता है फिर उनका हाथ हमारे प्रभु द्वारा भी पकड़ लिया जाता है। जो सत्य का मार्ग का अनुगामी है, उसका साथ प्रभु द्वारा कदम – कदम पर दिया जाता है, यही सत्य मार्ग पर चलने वाले पाण्डवों के जीवन से हमें सीख मिलती है। महाराजश्री ने कहा कि सत्य की राह पर चलने वाले को परम सत्य का संग अवश्य मिल जाता है। दुख में ईश्वर ही व्यक्ति के साथ होता है। इसलिए दुख आने पर भक्त घबराता नहीं। महाराजश्री ने भगवान शुकदेव आगमन कथा की प्रसंग विस्तार से सुनाते हुए कहा कि क्रमिक मुनि के पुत्र द्धारा दिये गये श्राप की जानकारी मिलने पर राजा परीक्षित ने विद्वानों को अपने दरबार में बुलाया और उनसे राय मांगी।
उस समय विद्वानों ने उन्हें शुकदेव का नाम सुझाया और इस प्रकार शुकदेव का आगमन हुआ। महाराज ने भागवत महात्म्य पर विस्तृत चर्चा की। कथा विश्राम के बाद यजमान गढ़वाल परिवार ने व्यासपीठ की आरती उतारी। मालीराम और घनश्याम दास गढ़वाल परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पधारे प्रभु कथा प्रेमियों द्वारा कथा रसामृत का आस्वादन कर अपने समय एवं जीवन को सफल बनाया गया।