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श्रीराम अनमोल रत्न और श्रीकृष्ण बहुआयामी व्यक्तित्व हैं – सीताराम शास्त्री

मारवाड़ी महिला मंच का बिष्टुपुर तुलसी भवन में भागवत कथा का चौथा दिन

जमशेदपुर। बिष्टुपुर तुलसी भवन में चल रहे सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथावाचक सीताराम शास्त्री ने व्यास पीठ से वामन अवतार, श्रीाराम जन्म, श्री कृष्ण प्राकटय एवं नंद महोत्सव के प्रसंग का सुंदर व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम अनमोल रत्न है तो श्रीकृष्ण बहुआयामी व्यक्तित्व हैं। राम की लीला अनुकरणीय है तो कृष्ण लीला चिंतनीय हैं। राम जैसी मर्यादा का पालन होने पर ही कृष्ण रूप आनन्द की प्राप्ति होती हैं।
इसलिए भागवत में कृष्ण कथा से पहले राम कथा का वर्णन हैं। गजेन्द्र की कथा का प्रसंग सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि भगवान की प्राप्ति में देरी नहंी हैं, यदि देरी हो रही हैं तो भगवान की ओर से नहंी हमारी ओर से हो रही हैं। गजेन्द्र और द्रोपदी ने भगवान को पुकराने में विलम्ब किया, किन्तु प्रभु ने आने में विलम्ब नहीं किया। साधक की पूर्ण शरणगति परमात्मा को प्रकट होन में विवश कर देती हैं। श्री कृष्ण प्राकटय का प्रसंग सुनाते हुए कथावाचक ने आगे कहा कि भैतिक जगत में तो भगवान के प्राकटय का विशद वर्णन शास्त्रों में हैं, किन्तु आध्यात्मिक धरातल पर हमारे अंतःकरण में कृष्ण रूप आनन्द प्रकट होना चाहिए। निर्मल अंतःकरण में परमात्मा का निवास होता हैं।
सेवा प्रदान के तीन सूत्रः- दधीची ऋषि द्धारा अंगदान की चर्चा का वर्णन करते हुए कथाचाचक ने कहा कि सेवा में तीन सूत्र अवश्य होने चाहिए। 1. अवकाश रहित सेवा, 2. अपेक्षा रहित सेवा तथा 3. भेदभाव रहित सेवा। सेवा भावना में ये तीन बातें आ जाती हैं तो सेवा संगठन गौरीशंकर शिखर को स्पर्श कर सकता हैं। यह मारवाडी महिला मंच इन्हीं सूत्रों के आधार पर सेवा प्रदान कर रही हैं, यह प्रसन्नता की बात हैं। महाराज जी पांचवें दिन बुधवार को श्री कृष्ण बाल लीला, गिरिराज पूजन एवं छप्पन भोग का प्रसंग सुनायेंगे। कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालु देर संघ्या तक जमे रहे।
100 बच्चों को मिली पठन-पाठन की सामग्रीः- झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन और मारवाड़ी महिला मंच जमशेदपुर द्धारा आयोजित भागवत कथा में मंगलवार को कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान दिन बाल विकास प्रकल्प के तहत एक स्कूल के जरूरतमंद 100 बच्चों को कथावाचक सीताराम शास्त्री ने अपनेे हाथों स्कुल बैग, पठन-पाठन की सामग्री एवं मिठाई दिया।

11 यजमानों ने की पूजाः- मंगलवार की सुबह 11 यजमान क्रमशः मंजु अग्रवाल, मंजु सावा, सीमा दोदराजका, देवी खेमका, कुमुद अग्रवाल, संतोष धुत, गीता खंडेलवाल, मीरा बबीता, आभा चुड़ीवाल, ऋचा झुनझुनवाला, मधु सावा ने संयुक्त रूप से पूजा करायी।

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