रामनवमी विसर्जन को लेकर क्या सच मे हिंदुओ की जीत हुई अगर हुई तो लोगो ने हिंदू नेताओ के खिलाफ ही क्यों लिखना शुरू कर दिया देखे पूरी खबर
जमशेदपुर। रामनवमी अखाड़ा को लेकर जिला प्रशासन और हिंदू संगठनों के हुए विवाद में जिस तरह से हिंदू संगठनों ने प्रशासन का विरोध किया था वही देर रात तक प्रशासन की जीत हुई और हिंदू संगठन की मात हुई। मामला जमशेदपुर में रामनवमी अखाड़ा का विसर्जन जुलूस का है जिला उपायुक्त का निर्देश था कि जुलूस में टेलर और डीजे का उपयोग नहीं होगा। इसी बात को लेकर बीती रात जिला प्रशासन ने साकची के बाल अखाड़ा का ट्रेलर और बांधा हुआ डीजे को जब्त कर लिया। जिसमें शोभायात्रा निकालना था। उस टेलर को डीजे सहित जब्त कर लिया गया है। जिससे मामला और बिगड़ गया और हिंदू संगठनों ने रामनवमी जुलूस निकालने पर प्रतिबंध करते हुए शनिवार को जमशेदपुर बंद का आवाहन किया था लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सर्किट हाउस में शाम को बैठक बुलाने के बाद यह तय हुआ कि आज की रात में ही विसर्जन जुलूस निकाला जाएगा। अब यहां समस्या उत्पन्न होती है कि बेंड बाजा (ढाँकि) लाइट सब अपने घरों में है अब यह बड़ी विकट समस्या हो जाती है इतनी तेज आधी पानी हो रही हैं इसमे लोगो विसर्जन करे तो करे कैसे बैरहाल अब भी जमशेदपुर के लोगो को ये समझ नही आ रहा की जिला प्रशासन खुद रामनवमी जुलूस निकाल रहा है या विवश कर रहा है। यह जमशेदपुर के इतिहास में काला अध्याय माना जाएगा कि जमशेदपुर के हिंदू संगठन के माने जाने नेता के पीछे क्या कारण रहा कि उन्हें जिला प्रशासन के सामने घुटने टेकने पड़े? वैसे सोशल मीडिया मे लोगो ने इनकी जमकर जनता क्लास ले रही हैं