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सरहुल पूजा में शामिल हुए पूर्व सीएम रघुवर दास, पूजा-अर्चना कर जमशेदपुर एवं झारखंडवासियों के आरोगय और समृद्धि की कामना की

जमशेदपुर। प्रकृति संरक्षण पर आधारित महान पर्व सरहुल आज देशभर में पूरे हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। जनजातीय समुदाय के लोग इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। शुक्रवार को जमशेदपुर के जनजातीय समुदाय द्वारा सरहुल का पर्व बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। प्रकृति के महा उपासना के पर्व सरहुल के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पुराना सीतारामडेरा में आदिवासी मुंडा समाज एवं आदिवासी उराँव समाज द्वारा आयोजित सरहुल पूजा में शामिल हुए। उन्होंने पवित्र सरहुल पूजा स्थल की विधिवत पूजा-अर्चना कर जमशेदपुर सहित झारखंडवासियों के लिए आरोग्य और समृद्धि की कामना की। इस दौरान भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने भी सरहुल पूजा स्थल की पूजा-अर्चना की।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरहुल प्रकृति की उपासना का महापर्व है। आदिवासी समाज का प्रकृति प्रेम यूं ही बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि प्रकृति व मानव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के बिना मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। प्रकृति बचेगी, तभी धरती पर मानव जीवन का अस्तित्व रहेगा। सिर्फ आदिवासी ही नहीं, बल्कि समाज के सभी लोगों को प्रकृति की रक्षा के लिए सजग रहकर उनके संरक्षण हेतु कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति के करीब रहें, प्रकृति से प्रेम करें परंतु प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करें। सरहुल पर्व हमें संदेश देता है कि प्रकृति ही सर्वोपरि है। आज जब समस्त संसार ग्लोबल वार्मिग जैसी संकट से जूझ रहा है तो ऐसे में प्रकृति संरक्षण और इसके संवर्धन के प्रति हम सभी को अपनी जिम्मेदारी को और अधिक सजगता से पालन करना होगा। इस दौरान पूजा समिति की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के संग भाजपा जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष गुंजन यादव व अन्य अतिथियों का कागर्मजोशी से स्वगात किया।

इस दौरान आदिवासी मुंडा समाज के नंदलाल पातर, विकास सामंत, रामचंद्र सोलंकी, विवेक सांडिल, रमेश नाग, सुरा बिरुली एवं उरांव समाज से बबलु खालको, गंगाराम तिर्की, जुगल बरह,किशोर लकड़ा समेत अन्य उपस्थित थे।

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