महाशिवरात्रि की तैयारी से पूर्व राज्य के दो जिलों में धारा 144 लागू, भाजपा ने कहा हेमंत सरकार की हिन्दू विरोधी मानसिकता फिरसे हुई उजागर, जमशेदपुर महानगर गुंजन यादव ने कहा- सरकार के टूलकिट के रूप में कार्य कर रही देवघर प्रशासन।
जमशेदपुर। भगवान शिव की अपार शक्ति और भक्ति के पर्व महाशिवरात्रि पर झारखंड के दो जिलों में धारा 144 लागू है। एक ओर जहां पलामू जिले के पांकी बाजार में महाशिवरात्रि पर तोरण द्वार लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया और जमकर पत्थरबाजी हुई। तो वहीं, दूसरी ओर देवघर जिले में प्रशासन ने भोलेनाथ की बारात का रास्ता बदल दिया और अन्य रास्तों पर धारा 144 लागू कर दिया गया है। महाशिवरात्रि की तैयारी के अवसर पर इस तरह का भयपूर्ण माहौल बनाये जाने पर सूबे की मुख्य विरोधी दल भाजपा राज्य की हेमंत सरकार और प्रशासन के खिलाफ हमलावर है। भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष यादव ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झामुमो-कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार में अराजक तत्वों का मनोबल सिर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में लगातार हिन्दू आस्था पर चोट किया जा रहा है। पलामू जिले के पांकी में हुई आगजनी, पत्थरबाजी और दुकान जलाए जाने पर गुंजन यादव ने कहा कि हेमंत सरकार विशेष समुदाय के उपद्रवियों के संरक्षक के रूप में अपना दायित्व निभा रही है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में निरंतर हो रहे ऐसी घटनाओं पर सरकार द्वारा उपद्रवियों को मिले मौन समर्थन और कार्रवाई ना होने से ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्वों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। पलामू जिले के पांकी बाजार की घटना इसी को इंगित करता है। गुंजन यादव ने देवघर जिले में शिवबारात के रूट को बदलने और अन्य रास्तों पर धारा 144 लागू किये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हेमंत सरकार की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि देवघर जिला प्रशासन सरकार के टूलकिट के रूप में काम कर रही है। बाबानगरी देवघर में सालों से महाशिवरात्रि के मौके पर शिव बारात निकालने की प्रथा चली आ रही है। लेकिन धारा 144 लागू किये जाने पर यहां दूर-दूर से आने वाले लोग कैसे शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि देवघर जिला प्रशासन द्वारा शिव बारात की तैयारी में लगे भक्तों की भावनाओं के विपरीत आदेश निकालना हेमंत सरकार की तुष्टिकरण नीति को ही उजागर करता है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हिंदूविरोधी मानसिकता को त्यागें और संविधान का सम्मान करते हुए सभी धर्मों को बराबर आदर दें।