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हेड मास्टर की पहल पर बालश्रम से मुक्त हुए आदिम जनजाति के चार बालक
जमशेदपुर। उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराइन , पोटका के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी ने आदिम जनजाति के चार बच्चों को बाल श्रम( धांगड़ प्रथा) से मुक्त कराया और उसे पुनः स्कूल से जोड़ा।
टांगराइन विजयनगर शबर टोला निवासी सोमा शबर के पुत्र देशुबा शबर को पैंतीस सौ रुपए सालाना पर धांगड़ रखा गया था। मालूम हो कि बैल और बकरी चराने के लिए गरीब बच्चों को (धांगड़) बाल श्रमिक रखा जाता है। इसी तरह देबल शबर,लक्ष्मन शबर और बोस्को शबर को आज मुक्त कराया गया।