सामाजिक संस्था कोशिश ने मनाई वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती, महिला सुरक्षा और स्वावलंबन पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने महिलाओं को किया जागरूक
जमशेदपुर। लौहनगरी जमशेदपुर की सामाजिक संस्था कोशिश ‘एक मुस्कान लाने की’ के द्वारा महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर महिला सुरक्षा और स्वावलंबन पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। शनिवार को गोलमुरी स्थित केबुल वेलफेयर क्लब के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन पर अपने विचार रखे। इस दौरान मुख्यातिथि के रूप में शिक्षाविद डीबीएमएस के ट्रस्टी बी चंद्रशेखर, विशिष्ट अतिथि के रूप में एबीएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ मुदिता चंद्रा, जिप परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मु, सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ रागिनी भूषण, सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ पूनम सहाय, शिक्षाविद ललिता शेखर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर कार्यवाह रबिन्द्र जी, संरक्षक शिवशंकर सिंह एवं संरक्षक दिनेश कुमार मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान समाज में बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं अवं विभिन्न विद्यालयों के छात्राओं को उनकी उपलब्धि के लिए पुरुस्कृत किया गया। इससे पहले, संस्था की ओर से द्वीप प्रज्वलित एवं भारत माता एवं रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की विधिवत शुभारंभ की गई।
मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित बी चंद्रशेखर ने देश की आधी आबादी के रूप में नारी की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कानूनों और विनियमों की अधिकता के बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध और उत्पीड़न की घटनाएं आशानुरूप कम नहीं हुए हैं बल्कि कई स्थानों पर इसमें वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी संगोष्ठी का आयोजन नियमित अंतराल पर अवश्य किया जाना चाहिए। जिससे मातृसत्तात्मक समाज में महिलाओं को उनके अधिकारों व सुरक्षा, स्वावलंबन पर जागरूक किया जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में जरूरी कदम समय-समय पर जरूर उठाएं जाए।
वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्राचार्या डॉ मुदिता चंद्रा ने महिला सुरक्षा और सम्मान, अधिकारों और कानून के प्रति सजगता, युवाओं में नारी सम्मान के महत्व को समझाना आदि विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नारी किसी से कम नही है। सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपने कार्यों से उपलब्धि हासिल कर नाम कमाया है। उन्होंने छात्राओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक रहने की अपील की।
संस्था के संरक्षक शिवशंकर सिंह ने संस्था के उद्देश्यों व कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि नारी सशक्तिकरण के बिना मानव समाज का विकास भी अधूरा रहता है। समाज में आज भी बेटा और बेटी में भेद किया जाता है। हमें समाज में ही नहीं, बल्कि परिवार के भीतर भी महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव को रोकने के लिए सामुहिक रूप से प्रयास करने होंगे।
संरक्षक दिनेश कुमार ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज नारी पुरुष के साथ कदम मिलाकर हर एक क्षेत्र में अपने अस्तित्व को प्रमाणित कर रही है। नारी शक्ति ने जीवन के लगभग हर क्षेत्र में अपनी प्रतिमा का प्रदर्शन कर यह प्रदर्शित किया है कि किसी भी दृष्टि से नारी पुरुषों से कम नहीं है। संविधान और आधुनिक परिस्थितियों ने स्त्री को अत्याचार के विरूद्ध आवाज़ उठाने की शक्ति दी है। आज देश में महिला अपराध पर कठोर कानून बनाये गए हैं।
गोष्ठी को जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मु, डॉ रागिनी भूषण, डॉ पूनम सहाय एवं ललिता शेखर ने भी संबोधित किया।
इस दौरान मंच संचालन क्रीड़ा भारती के प्रांत प्रचारक राजीव कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्था के पप्पू कुमार ने किया।
गोष्ठी में पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरुण कुमार, संजय सिंह, रामस्वरूप सिंह, राजेश सिंह बम, मुन्ना अग्रवाल, विनय तिवारी, गोविंद राव, ह्नन्नी परिहार, कंचन दा, राजेश सिंह, प्रेम झा, कुणाल शर्मा, राकेश गिरी, जितेंद्र सिंह, पीयूष ईशु, शेखर बाबू, संजू सिंह, राणा प्रताप सिंह, राजा अग्रवाल, अविनाश मिश्रा, रमेश राजू, सुनील पांडेय, सुमित सिंह, शैलेन्द्र प्रसाद, युवराज सिंह, ऋषव सिंह, कुमार गौतम, अंकित अरोड़ा, कुंदन सिंह, अजय जायसवाल, सुबोध शर्मा, रितेश मिश्रा, रसविंदर सिंह, अवधेश कुमार, कुमार विवेक, अमित वर्मा, हर्ष सिंह, चंकी समेत अन्य उपस्थित थे।