मौलवी द्वारा केशों पर आपत्तिजनक टिप्पणी से सिख समाज में रोष
मुफ़्ती तारिक मसूद की गलत बयानी को भगवान सिंह, हरविंदर जमशेदपुरी और जस्सू ने लिया आड़े हाथों
जमशेदपुर। इस्लाम धर्म में के तक़रीर करने वाले मौलवी मुफ़्ती तारीक मसूद ने अपनी एक तक़रीर में पवित्र केशों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से जमशेदपुर के सिख समाज में एक बड़ा रोष देखने को मिल रहा है। असल में इस्लाम के बड़े तक़रीर करने वाले मोलवी मुफ़्ती तारीक मसूद ने अपने एक तक़रीर में पवित्र केशों का हवाला देते हुए कहा की जब वे किसी सिख को देखते हैं जिनकी लम्बी-लम्बी दाढ़ी होती है और बड़ी-बड़ी मूछे होती है तो उन्हें ऐसा लगता है जैसे कोई झाड़ी से झाक रहा हो। इस बात का सिख समाज ने गहरा रोष प्रकट किया है।
इस संबंध गुरुद्वारा सिंह सभा मानगो के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि इस तरीक़े की आपत्तिजनक कथन कोई अनपढ़ व्यक्ति ही कर सकता है। जिसे सिक्खों के इतिहास के बारे पता हो वो ये गुस्ताखी कभी नही करेगा। उन्होंने आगे कहा की कोई भी टिप्पणी करने से पहले सिखों के इतिहास के बारे पढ़ लेना चाहिए उसके पश्चात ही किसी प्रकार का बयान देना चाहिये। सिक्खों के पवित्र केशों के बारे ग़लत शब्दावली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भगवान सिंह ने मांग की है कि वो मौलवी गुस्ताखी के लिए सिख समुदाय से माफी मांगे।
जमशेदपुर के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने भी करारा जवाब देते हुए कहा की कोई धर्म नहीं सिखाता अपास में बैर रखना तो इस तरीक़े की बयान या तक़रीर का क्या मतलब है। उन्होंने कहा की गुरु नानक साहिब के साथ भाई मर्दाना जी 52 साल रहे जो ख़ुद एक मुसलमान थे परंतु गुरु नानक साहिब से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने ख़ुद केशों को सम्भाल के रखा केशों को कभी कटवाया नहीं। हरविंदर ने कहा कि जिस विषय के बारे जानकारी ना हो उस विषय में बोलना सही नहीं है।
मानगो गुरद्वारा के महासचिव सरदार जसवंत सिंह जस्सू ने कहा की गुरु नानक साहिब ने हमे सिखाया है अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे जिसका अर्थ है सभी उस मलिक के बंदे है किसी से नफरत करना या उनके मजहब के बारे ग़लत बयान देना हमे नहीं सिखाया गया है।
जसवंत सिंह ने कहा कि मुफ़्ती तारिक मसूद को कोई हक़ नहीं किसी के मज़हब की निशानियों या उनकी पहचान के ख़िलाफ़ उँगली उठाये। जस्सू ने भी मौलवी से माफी मांगने की मांग की है।