सरायकेला शिक्षकों ने एमएसीपी समेत चार सूत्री मांगों को लेकर किया आंदोलन
सरायकेला : शिक्षा एवं शिक्षक हितों के समर्थन में चार सूत्री मांगों को लेकर सरायकेला-खरसावां जिले के शिक्षकों में सरकार और विभाग के प्रति रोष व्याप्त है। बीते 15 अक्टूबर को संगठन के प्रदेश इकाई के निर्णय के आलोक में जिले भर के सैकड़ों शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर आंदोलन के प्रथम चरण का आगाज किया। इन शिक्षकों की चार सूत्री मांगों में बिहार की तर्ज पर “एमएसीपी” की मांग शामिल है. उनका कहना है कि सभी कोटि के शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा उनकी मांगो में छठे वेतन आयोग के वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए इन्ट्री पे स्केल की मांग, इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर को सरल व सुगम बनाना और आरटीई के मान्यदंडों के प्रतिकूल एनजीओ के दबाव में गैर शैक्षणिक कार्यों की बहुलता से पूरी तरह से निजात देने की मांग शामिल है। शिक्षकों का कहना है कि इन चार सूत्री मांगों को लेकर संघ के बैनर तले पदाधिकारियों ने समय-समय पर विभाग को ज्ञापन सौंपा है। उनसे शिष्टाचार मुलाकात किये है. इसके आलोक में विभागीय मीटिंग भी की जा चुकी है। फिर भी शिक्षकों की समस्याओं के निदान की दिशा में सकारात्मक हल नहीं निकला है।
शिक्षकों का आरोप है कि झारखंड में बिहार का प्रोन्नति नियमावली प्रभावी है. बिहार में “एमएसीपी ” जो सेवाकाल में अधिकतम तीन अतिरिक्त इन्क्रीमेंट प्रावधानित है,मिल गया है। फिर भी झारखंड के शिक्षकों को यह लाभ नहीं मिला है. छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित इन्ट्री पे स्केल सचिवालय कर्मियों को दिया गया, लेकिन शिक्षकों को परे रखा गया। इससे सरकार के दोहरा चरित्र प्रर्दशित होता है। इसी सौतेलापन व्यवहार से आहत अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ने आर-पार की लड़ाई को लेकर चरणबद्घ आंदोलन की घोषणा की है. इसके तहत काला बिल्ला लगाने के अलावा 7 से12 नवंबर को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपना. आगामी 19नवंबर को राजभवन के समक्ष रोषपूर्ण प्रर्दशन और फिर 17दिसंबर से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन का कार्यक्रम शामिल है।
कार्यक्रम में ये रहे शामिल
इस कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्त, श्रीसिंह बास्के, मानिक प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र नाथ साहू, शैलेंद्र कुमार, चितरंजन महतो, अमीर राउत, कमल कुमार, सुदामा माझी, अजीत कुंभकार, संजय साहू शैलेश तिवारी, राजेश मिश्रा, अमर उरांव, बलराज हांसदा, अश्विनी मिश्रा, गदाधर महतो, बृजेश्वर साहू, संजीव कुमार महतो, हेमंत मार्डी, अरुण प्रसाद बर्मन, दिलीप गुप्ता, हेमंत महतो, रविंद्र कुमार मछुआ, बेदियाजी, पप्पू प्रमाणिक, निखिल कुंभकार, गुरदास चांद, रमन रंजन महतो, गंगासागर मंडल, सुषमा बनर्जी, शीला झा, इंदु वर्मा, श्रीकांत पारीत, संजय कुमार श्रीवास्तव, विनोद कुमार, दिनेश दास, लालटु हलदर,सानगी लोगों , राकेश साहु,मनोज गुप्ता,शमीम अंसारी,नसीम अहमद,अखलाकुल इश्लाम सहित संगठन के अन्य सक्रिय शिक्षक एवं शिक्षिकाएं शामिल हुई।