स्व. कार्तिक उरांव सदा समाज व राष्ट्र की प्रगति की सोचते थे : कांग्रेस
चाईबासा । शनिवार को स्व.कार्तिक उरांव के जयंती पर कांग्रेस भवन , चाईबासा में कांग्रेसियों ने स्व. कार्तिक उरांव की चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। जिसके उपरांत उनके जीवन कृत्य पर परिचर्चा भी की गई । परिचर्चा को संबोधित करते हुए कांग्रेसियों ने कहा कि महान व्यक्ति अपने कार्य, विचार एवं सेवा से लोगों के मध्य अपनी अमिट छाप सदा के लिए छोड़ जाते है। वे महान आत्मा समाज के उत्थान व विकास के लिए ही अपना सब-कुछ न्यौछावर कर देते हैं। स्व. कार्तिक उरांव भी इसी तरह के महापुरूष थे, जिनका सम्पूर्ण जीवन एक कर्मयोगी का था। एक गरीब किसान परिवार में जन्म लेकर शिक्षा व शोहरत की ऊंचाईयों को छूने वाले स्व. कार्तिक उरांव जी सदैव समाज व राष्ट्र की प्रगति की सोचते थे।
स्व. कार्तिक उरांव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब उनकी ढृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति, सच्ची लगन, मानव-प्रेम, देश भक्ति, शिक्षा-प्रेम, सेवा-समर्पण आदि की भावना का अनुकरण कर सकेंगे । उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर विश्वनाथ तामसोय , अशरफुल होदा , त्रिशानु राय , रितेश कुमार तामसोय , दिकु सावैयां , चंद्रशेखर दास , सिकुर गोप , चंद्रशेखर प्रसाद , तुरी सुंडी , अर्जुन पुरती सुशील कुमार दास आदि उपस्थित थे ।