संगीता पाण्डेय रिपोर्टर गुवा/चाईबासा
गंगदा पंचायत अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय कासिया-पेचा में शिक्षा की बद्दतर स्थिति की शिकायत ग्रामीणों ने मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल से की थी। इसके बाद 17 अक्टूबर को राजू सांडिल ने पंसस रामेश्वर चाम्पिया व ग्रामीणों के साथ स्कूल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया की स्कूल में नियुक्त दो शिक्षक में से एक प्रधानाध्यापक अभिषेक डांगुवार बिना किसी सूचना के गायब हैं। राजू सांडिल ने बताया की विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की कुल संख्या-36 में से 25 उपस्थित थे। बच्चों का मध्याह्न भोजन लगभग एक किलोमीटर दूर स्कूल की रसोईयां के घर बनता है, जहां सभी बच्चे पैदल खाना खाने जाते व आते हैं।इससे बच्चों की पढ़ाई लगभग डेढ़ घंटे प्रभावित होती है।स्कूल में पेयजल, शौचालय, रसोईघर, बाउन्ड्री आदि कुछ नहीं है।प्रधानाध्यापक से जब ग्रामीण शिक्षा में सुधार की बात करते हैं तो, प्रधानाध्यापक कहते है कि इसमें में कुछ नहीं कर सकता।हमारा स्थानान्तरण यहां से दूसरे जगह करा दीजिए।राजू सांडिल ने कहा कि यह सही है कि कासिया-पेचा गांव सारंडा का अत्यंत पिछड़ा व अविकसित गांव है। यहां सड़क भी नहीं है। लेकिन सभी शिक्षक शहर के स्कूलों में हीं रहकर पढ़ाना चाहेंगे, तो ऐसे स्कूलों का क्या होगा।सरकार ऐसे स्कूलों को बंद करके शहर के स्कूलों में हीं यहां के बच्चों को आवासीय सुविधा प्रदान करे।वहां गुणवतापूर्ण शिक्षा यहां के बच्चों को दे। बच्चों के अभिभावक भी यहीं चाहते हैं कि उनका बच्चा शिक्षित व होनहार बने। इस दौरान बुधराम सिद्धू, मंगता सुरीन, नंदलाल सुरीन, रामो सिद्धू, बुधराम सुरीन, बाईन्डू सुरीन, सुरधन सुरीन, गंगाराम सुरीन, रोईदास सुरीन, रेंगो सुरीन, चरण गोप, भोंच चाम्पिया, जगदीश पूर्ति, बिरंची चाम्पिया, चान्दू चाम्पिया आदि मौजूद थे।