झारखंड विश्वविद्यालय संविदा आधारित शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमण्डल ने विभिन्न मांगों को लेकर विधायक को सौंपा ज्ञापन
आपकी मांगों को संबंधित लोगों के पास रखकर उचित निर्णय लेने का करेंगे आग्रह : सरयू राय
जमशेदपुर: झारखंड विश्वविद्यालय संविदा आधारित शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमण्डल ने रविवार को पूर्व मंत्री और पूर्वी विधानसभा के विधायक सरयू राय को मांग पत्र सौंपा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विधायक से मिलकर घंटी आधारित शिक्षकों की समस्याओं को रखा। जिसके तहत घंटी आधारित शिक्षकों को नियमितीकरण कराने की मांग की। सरयू राय ने कहा कि हम आपकी मांगों को संबंधित लोगों के पास रखकर उचित निर्णय लेने का आग्रह करेंगे। इस मौके पर प्रतिनिधि मंडल में डॉ कमलेश कुमार कमलेंदू, डॉ गोपीनाथ पाण्डेय, राजीव दूबे, सुभाष महतो, अरुण महतो आदि शामिल थे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पद के विरुद्ध 2017 में तत्कालीन सरकार के द्वारा घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी मापदंडों को पूरा करते हुए की गई थी। जिसके तहत 600 रू प्रति कक्षा और अधिकतम 36000 रु मानदेय देना शामिल है।
महोदय 2017 से लेकर अब तक हम सभी घंटी आधारित शिक्षक न सिर्फ अपनी सेवा दे रहे हैं अपितु वह सारे कार्य कर रहे हैं, जो एक नियमित शिक्षक करते हैं।
विश्वविद्यालयों के तो कई विभाग इन्हीं शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। हम समान काम करते हैं लेकिन हमारा मानदेय असमान है। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में अगर छुट्टी देखी जाए तो लगभग 6 महिना कक्षाएं बंद हीं रहती है ऐसे में हमें एक भी रुपये उन महिनों में नहीं मिलता। इन परेशानियों को देखते हुए हम आपसे निम्नलिखित मांगो को सरकार तक पहुंचाकर समाधान का रास्ता तलाशने का आग्रह करते हैं।
– हमारे अनुभव को देखते हुए एक विनियमन तैयार कर हमारी सेवा नियमित की जाए। क्योंकि हम यूजीसी के मापदंडों को पूरा करते हुए स्वीकृत पद पर कार्यरत हैं।
– पूर्व में भी सरकारों ने कई महाविद्यालयों को अंगीकार कर उसमें कार्यरत कर्मियों को नियमितीकरण किया है।
– जब तक ऐसा नहीं हो जाता तबतक सरकार हमें यूजीसी के अनुसार एक निश्चित मानदेय प्रदान करे, जिससे छुट्टियों में हमें आर्थिक नुकसान न हो।
– राज्य सरकार हमें सरकार द्वारा जेपीएससी के माध्यम से की जाने वाली नियुक्तियों में 75℅ अधिमान प्रदान करे।
– नियमित नियुक्ति के समय जिनकी आयु 55 वर्ष पार कर चुकि है, उन्हें यूजीसी के अनुसार एक निश्चित मानदेय के तहत 65 वर्ष की सेवा प्रदान की जाए।