ऊटी/नई दिल्ली।पत्रकार उत्पीड़न के मामले में पीड़ित पत्रकारों को न्याय दिलाने एवं पत्रकारों की समस्या के समाधान के लिए गंभीरता से धरातल पर कार्य करते हुए भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।कोरोना काल के दौरान संगठन की विभिन्न राज्य इकाइयों ने जिस प्रकार संक्रमित पत्रकारों की सहायता की है वह पत्रकार संगठनों के लिए एक नज़ीर बन गया है।संक्रमित पत्रकार साथियों का न केवल समुचित इलाज करवाया गया बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सहायता प्रदान की गई।कोरोनाकाल के दौरान लगभग 300 से अधिक पत्रकार साथियों के लिए राशन से लेकर आर्थिक सहयोग संगठन की विभिन्न राज्य इकाइयों द्वारा किया गया।उपरोक्त बातें अपने संबोधन में भरती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने कहीं।श्री सिंह ने तमिलनाडु के ऊटी में दूसरे राष्ट्रीय समनेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह से देश भर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए टोल प्लाजा में छूट की मांग की।
संगठन के महासचिव शाहनवाज़ हसन ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश भर के सभी पत्रकार संगठन कई टुकड़ों में बंट गए हैं,उनका अधिकांश समय यूनियन पर कब्जे को लेकर मुकदमेबाजी में कट रहा है पत्रकारों की समस्याओं से उन्हें कोई सरोकार नहीं है।श्री हसन ने कहा कि देश भर के पत्रकार यूनियनों की आपसी नूरा कुश्ती से पत्रकारों का यूनियन पर से विश्वास उठ रहा था जिसकी भरपाई अब बीएसपीएस ने की है।
बीएसपीएस के दूसरे राष्ट्रीय समनेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जनरल वी के सिंह ने कहा कि संगठन की मांग पर राष्ट्रीय राज्यमार्गों के टोल प्लाजा में पत्रकारों से टोल टैक्स नहीं लेने की मांग पर विचार किया जाएगा।जनरल वी के सिंह ने कहा कि पत्रकारों का जीवन काफी कठिन होता है.हर पल पत्रकारों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.पत्रकार समाज के दर्पण व सबसे संजीदा पहुरुवा भी हैं. धारा के विपरीत जो चलते वहीं सच्चे पत्रकार होते हैं. आज पत्रकारों के जीवन में बदलाव आए है.यूनियन बने है , उनकी समस्याओं हिमालय जैसी है, यह देख कर हमें प्रसन्ता हो रही है कि बीएसपीएस पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता से कार्य कर रहा है।
पत्रकारों के राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वसम्मति से आंध्रप्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकारों से ढाई हजार रुपए टैक्स लेने की नई पॉलिसी की कड़ी निंदा करते हुए इसे तत्काल वापस लेने, राष्ट्रीय राज्यमार्ग के टोल प्लाजा में पत्रकारों से लिए जाने वाले टोल टैक्स में छूट, छोटे एवं मध्यम पत्र-पत्रिकाओ से जीएसटी समाप्त करने, आरएनआई व डीएवीपी में ऑफ लाइन सुविधाएं बहाल करने, तमिलनाडु के प्रिंट मीडियाकर्मियों की तर्ज पर इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मियों को भी सुविधाएं प्रदान करने, रेलवे कुपन पत्रकारों के लिए पुनः बहाल करने, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, कोरोना से मृत हुए पत्रकारों के आश्रितों को मुआवजा देने तथा कर्नाटक सरकार के बेलगाम जिले के मुंबई से प्रकाशित पत्र – पत्रिकाओ के प्रतिनिधि पत्रकारों को भी सभी सुविधाएं देने एवं मान्यता प्राप्त समिति का गठन एवं समिति में यूनियन की भागीदारी का प्रस्ताव पारित किया गया।
राष्ट्रीय सम्मेलन में संघ के उपाध्यक्ष ए जो बी सगायराज, अशोक पाण्डेय, आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरभद्र राव,महासचिव राघवेन्द्र मिश्र, मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ नवीन आनंद जोशी,छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष नितिन चौबे, उत्तराखंड से राष्ट्रीय सचिव गिरिधर शर्मा,बिहार इकाई के अध्यक्ष प्रशांत कुमार, राजस्थान से राष्ट्रीय सचिव एस एन गौतम एवं महासचिव घनश्याम बागी, कर्नाटक से श्रीकांत कारिकर, उत्तप्रदेश से उपजा के महासचिव प्रदीप शर्मा, विनोद कुमार सिंह, शीबू निगम, झारखण्ड से रांची जिला अध्यक्ष पुष्कर महतो, प्रदेश सचिव जावेद इस्माइल,दिल्ली से जितेंद्र पाण्डेय, शूलपानी सिंह, आशुतोष मणि तिवारी एवं देश भर के विभिन्न राज्यों से 500 से अधिक पत्रकार शामिल हुए।