रविन्द्र भवन में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, धालभूम अनुमंडल क्षेत्र की एएनएम समेत कई अधिकारी हुए शामिल
– राज्य नोडल पदाधिकारी, मातृ स्वास्थ्य कोषांग, एनएचएम ने मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर दिए जरूरी मार्गदर्शन
– कार्यशाला मे सिविल सर्जन, एसीएमओ, सभी एमओआईसी तथा जिला एवं प्रखंड स्तर के संबंधित पदाधिकारी हुए शामिल
जमशेदपुर: रविन्द्र भवन सभागार, साक्ची में जिला स्तरीय मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य प्रशिक्षण का दूसरा कार्यशाला धालभूम अनुमंडल के लिए सम्पन्न हुआ। सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने कहा कि VHSND के महत्व एवं जच्चा-बच्चा की सुरक्षा तथा शारीरिक, मानसिक विकास को लेकर गर्भावस्था एवं डिलीवरी के पश्चात उठाये जाने आवश्यक उपायों को लेकर यह कार्यशाला आयोजित किया गया । कहा कि सभी ग्राउंड लेवल वर्कर आपस में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल में आप सभी की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।मातृत्व एवं शिशु देखभाल की दिशा में समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग के वैसे सभी कर्मी जो ग्राउंड लेवल पर कार्यरत हैं उनकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है । लिंगानुपात, प्रसव पूर्व एवं प्रसव बाद, संस्थागत प्रसव, उच्च जोखिम गर्भवती महिला की पहचान, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (VHSND)को लेकर अपने विचार एवं सुझाव रखे तथा कैसे इस दिशा में बेहतर कार्य किया जा सकता है इसको लेकर जरूरी मार्गदर्शन कार्यशाला में दिए गए।
कार्यशाला में विशेष तौर पर आमंत्रित राज्य नोडल पदाधिकारी, मातृ स्वास्थ्य कोषांग, एनएचएम डॉ. दीपावली ने मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर ग्राउंड लेवल वर्कर द्वारा क्या जरूरी कदम उठाये जा सकते हैं इसपर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। कार्यशाला में शामिल प्रशिणार्थियों को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (VHSND) में होने वाले कार्यों की जानकारी दी गई।
VHSND में होने वाले कार्य निम्नवत हैं-
सप्ताह के प्रत्येक गुरूवार एवं शनिवार को वी०एच०एस०एन०डी० सत्र आयेजित किया जाना है, 2. वी०एच०एस०एन०डी० सत्र का समय प्रातः 10 बजे से सत्र समाप्ति तक, 3 प्रसव पूर्व जंच ( संस्थागन प्रसव से पूर्व चार प्रसव पूर्व जाँच समयावधी में किया जाना), 4. आयरन के टैबलेट का वितरण (ब्लू, पिंक एवं लाल), 5. कैल्शियम का टेबलेट सभी गर्भवती महिलाओं को देना, 6. गर्भवती महिलाओं का वजन मापना, 7. गर्भवती महिलाओं को खान पान एवं स्वच्छता से संबंधित जानकारी देना, 8. गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, बच्चे एवं शिशु का टीकाकरण, शिशु का वजन एंव उँचाई नापना, कम वजन वाले शिशु को चिन्हित करना, एम०टी०सी० में रेफर करना, हिमोग्लोबिन का जांच के साथ साथ सभी प्रसव पूर्व जांच किया जाना, एच०आई०भी० / सिफलिस जांच (गर्भकाल में कम से कम एक बार जांच), मलेरिया जांच, कुष्ठ जांच, टी०बी० जांच (संभवित मरीजों का स्पूटम कलेक्शन किया जाना है, एम०सी०पी० कार्ड का वितरण एवं अद्यतन करना, आर०सी०एच० रजिस्टर में लाभार्थी का नाम, पता एवं सेवा की विवरणी संधारित किया जाता है।
कार्यशाला में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ आकंक्षी जिला को लेकर नीति आयोग के स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित सूचकांकों में पूर्वी सिंहभूम जिला में कैसे और बेहतर किया जा सकता है इसकी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, एसीएमओ डॉ. साहिर पाल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक एवं जिला के सभी जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के सदस्य शामिल हुए।