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समाज का उत्थान के लिए बबलू झा है चुनाव मैदान में

जमशेदपुर। मिथिला सांस्कृतिक परिषद : आईए जानें सुरेन्द्र झा उर्फ बबलू झा को ,जो पहली बार उतरे है चुनाव मैंदान में।
मिथिला सास्कृतिक परिषद का 24 अप्रैल को चुनाव होने वाला है। इस बार का चुनाव का फाफी महत्वपूर्ण है। 35 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए 67 सदस्यों ने नामाकंन किया है। चुने गए 35 कार्यकारिणी ही अध्यक्ष और महासचिव का चुनाव करेगे । अध्यक्ष और महासचिव कौन होगा य़ह तो कार्यकारिणी तय करगी।

बारीडीह के रहने वाले पी एन झा के पुत्र है बबलू झा

इस बार चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रहे है बारीडीह से युवा , समाजसेवी, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र झा उर्फ बबलू झा। बिहार के मधुबनी में राजनगर वासी फिलहाल बारीडीह (जमशेदपुर) में पिता जी के साथ से रहते है। सुरेन्द्र झा के पिता मृदुभाषी पी एन झा ने मिथिला सांस्कृतिक परिषद में करीब 48 वर्षों से जुड़े हैं। उनकी पहचान कुशल और व्यावाहरिक व्यक्तियों में होती है। पिता के पदचिन्हों मे चलने वाले सुरेन्द्र झा उर्फ बबलू झा ने कोविड काल में समाज सेवा के रुप मे काफी कार्य किए। उन्होने कई परिवार को राशन से लेकर बच्चो का फीस तक दिया।
समाज के लिए कुछ करना है इसलिए मैदान में उतरा – बबलू झा

मिथिला सांस्कृतिक परिषद के चुनाव के उतरने के सवाल पर उन्होने BJNN को बताया कि चुकि समाजिक गतिविधियों से पिता पहले से जुड़े थे। इस कड़ी को आगे बढाने के लिए वे इस चुनाव में उतरे है।उन्होनें बताया कि उनका लक्ष्य है कि मैथिल क्षेत्र में खास कर नए बच्चो को मैथिल के प्रति जागरुक करना एवम अधिक से अधिक सदस्य बना कर समाज को और मजबूत करना है । उन्हें बताना कि मैथिली पढने के बाद आप देश के सर्वोच्च नौकरी में UPSC की परीक्षा मे बैठ सकते है।औरयदि मै एक बच्चो को मैथिली में UPSC का परीक्षा दिलाने में सफल जाउंगा तो मेरे लिए काफी बढिया है। इसके अलावे जमशेदपुर में कुछ कॉलेजों मे मैथिली की पढाई होती है। वहा पर मैथिली में नामांकन के लिए बच्चों के प्रेरित करुंगा। इसके अलावे हर साल मैट्रिक में अच्छे अंकों से पास करने वाले बच्चों को सम्मान के साथ साथ एक वैसे बच्चा पास करने के बाद वह पैसे के अभाव में नामांकन नही ले पा रहा है। तो उस बच्चों के इटंर में पढाई का पुरा खर्चा करुंगा। उन्होंने बताया कि लोग कहेंगें यह काम में बाहर से भी कर सकता हुं। इसकेजबाब भी मेरे पास है। उन्होंने कहा है कि संस्था में रहने से मेरा दायरा बढेगा। और ज्यादा से ज्यादा समाज के लोगो को देख सकुंगा साथ ही समाज के हित में कार्य करुंगा।

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