नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में मंडलायुक्त ने सभी संबंधित विभागों की बैठक ली
नियमों का अनुपालन ना कर रहे सिल्का सैंड खनन कर्ताओं को चिन्हित कर सभी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए
सभी वाटर प्लांट में फ्लो मीटर लगा हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए
विशेष टीम का भी गठन किया गया जो मौके पर जाकर क्षेत्र का मुआयना कर अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी।
प्रयागराज : संदिग्ध अवैध खनन को रोकने एवं सरकार द्वारा दी गई पर्यावरण संबंधित गाइडलाइंस के अनुपालन के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में आज मंडलायुक्त श्री संजय गोयल ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ कार्यालय स्थित त्रिवेणी सभागार में बैठक की। ट्रिब्यूनल द्वारा प्रेषित संदर्भों का संज्ञान लेते हुए हर बिंदु के सापेक्ष अभी तक क्या कार्यवाही की गई है उन्होंने उसकी बिंदुवार समीक्षा करते हुए कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सर्वप्रथम जिन भी खनन कर्ताओं द्वारा खनन एवं उसके पश्चात उसकी धुलाई हेतु लगाए गए वाटर प्लांट के इस्तेमाल में जहां भी नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है उनको चिन्हित कर सभी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
खनन के बाद सिलिका सैंड को अलग करने हेतु वाटर प्लांट में धुलाई करना अनिवार्य होता है। इसके दृष्टिगत पानी की भारी मात्रा में आवश्यकता पड़ती है। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों में सभी वाटर प्लांट में शत-प्रतिशत फ्लो मीटर लगवाना अनिवार्य होता है जिससे कि पानी का वेस्टेज रोका जा सके। मंडलायुक्त ने खनन विभाग के अधिकारियों को हर वाटर प्लांट में फ्लो मीटर लगा हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
इस क्रम में उन्होंने खनन विभाग को एक प्रारूप तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं जिसमें सभी गाइडलाइंस संबंधित जानकारी खनन कर्ताओं से ली जाएगी। इसके अतिरिक्त एक विशेष टीम का भी गठन किया गया है जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को रखा जाएगा और जो मौके पर जाकर क्षेत्र का मुआयना कर अपनी आख्या प्रस्तुत करेंगे। साथ ही इको रेस्टोरेशन/ग्रीन बेल्ट रेस्टोरेशन प्लान पर भी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने को भी कहा गया है। आमतौर पर खनन के पश्चात ग्रीन बेल्ट रेस्टोरेशन प्लान पर खनन कर्ता काम नहीं करते हैं अतः ग्रीन बेल्ट रेस्टोरेशन प्लान का अनिवार्य रूप से अनुपालन कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
आबैंडेंट साइट्स के संबंध में उन्होंने जिस खनन करता के नाम पर पहले लीज पहले इश्यू की गई थी उसका नाम, साइट की ज्योग्राफिकल डिटेल्स तथा उनके रेस्टोरेशन में किस विभाग का क्या रोल है इन सब की जानकारी भी मंडलायुक्त ने उनके समक्ष प्रेषित करने के निर्देश दिए।