भगवान शिव आनंदी,आनंत, अविनाशी, निर्गुण, निर्विकार है: लक्ष्मी सिन्हा
पटना। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ श्रीमती स्मिता शर्मा एवं प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ लक्ष्मी सिन्हा ने समस्त देशवासियों एवं प्रदेश वासियों को शिवरात्रि महापर्व की हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए।
श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि शिव सृष्टि के आदि भी हैं, अवसान भी। सर्जक भी हैं, संहारक भीम। उनका संहार नवसृजन के लिए है। महाशिवरात्रि का महापर्व शिव और पार्वती के मिलन का पर्व है। पार्वती प्रकृति स्वरूपा है और शिव परबह्म परमात्मा, महाशिवरात्रि प्रकृति और आदिपुरुष के मिलन का पर्व है।अत: यहां पर श्रद्धा विश्वास के मिलन का पर्व भी है, जो अभीष्ट फल का प्रदाता है और जिसका परिणाम सदा मांगलिक होती है। शिव देवाधिदेव महादेव हैं, किंतु कोई यूं ही महादेव नहीं बनता। उसके लिए लोक कल्याणार्थ संसार का गरल भी पीना पड़ता है। समुंद्र मंथन के समय जब अमृत के साथ विष निकला तो अमृत के लिए सभी झगड़ने लगे, पर विषपान के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। सब लोक राक्षाथ शिव ने गरल पान कर उसे कंठ में धारण कर लिया। इसी प्रकार प्रत्येक मानव को महान बनने के लिए सांसारिक गरल पीकर विषपायी बनना पड़ता है, पर कहीं उससे हमारा अंत: करण की दूषित न हो, इसके लिए कंठ में ही धारण भी करना पड़ता है। आत्मा कल्याण और लोक कल्याण इसी से संभव है। जीवन में शिवत्व की प्राप्ति का उपाय भी यही है। भगवान शिव का परिवार विविधता मैं एकता का प्रतीक है। यधापि किसी के वेशभूषा, खान_पान आदि नहीं मिलते, फिर भी ऐक्यभाव से रह लेते हैं। राष्ट्रीय एकता के लिए यही महाशिवरात्रि का महान संदेश है।