पुलिस की अनूठी पहल से गरीब बच्चों के घर में आया ‘शिक्षा का उजाला’
जमशेदपुर: कोरोना काल में जिला पुलिस ने अनोखी पहल की है. गरीब और असहाय बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए प्रशासन ने हर थाने में उपकरण बैंक की शुरूआत की है. दरअसल, जमशेदपुर एक औद्योगिक नगरी है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मजदूर शहर में रहते हैं, लेकिन कोरोना ने उनकी जिंदगी में तूफान ला दिया है. बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है. दो साल से बच्चे घर पर बैठे हैं. उनके स्कूलों मे ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाती है, लेकिन स्मार्टफोन नहीं होने के कारण बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई में हो रही दिक्कतों को देखते हुए झारखंड के डीजीपी ने एक पहल करके उपकरण बैंक की शुरुआत की. इस उपकरण बैंक की शुरुआत जमशेदपुर में भी की गई है. प्रशासन और शहरवासी इसे और आगे बढ़ा रहे हैं.
लोग आगे बढ़कर कर रहे हैं मदद
कोरोना की वजह से अभी क्लासेज ऑनलाइन ही चल रहे हैं. ऑनलाइन क्लासेज के लिए मोबाइल या लैपटॉप जरूरी है, लेकिन गरीब तबके के लोग अपने बच्चों के लिए इसका खर्च उठा नहीं पा रहे हैं. ऐसे में इन बच्चों की मदद के लिए प्रशासन आगे आया है और उनके लिए उपकरण बैंक की शुरुआत की गई है. इस बैंक में मोबाइल या लैपटॉप को गरीब बच्चों को दिया जाएगा.
इस उपकरण बैंक में समाज के सहयोग से नए और पुराने मोबाइल फोन, लैपटॉप और टैब जमा कराए जा रहे हैं. सामाजिक संगठनों ने अब तक 304 स्मार्ट मोबाइल फोन, 12 लैपटॉप और 6 टैब उपकरण बैंक में जमा कराए हैं. जबकि बिस्टुपुर थाना प्रभारी को 20 स्मार्ट मोबाइल फोन मुस्लिम समुदाय की तरफ से दिया गया है. उपकरण बैंक में और भी लोग सहयोग कर रहे हैं. कई लोग स्मार्ट फोन खरीद कर बैंक में जमा करा रहे हैं. कुछ लोगों ने अपने घर का मोबाइल बैंक में जमा कराया है.
उपकरण बैंक में लोगों के सहयोग पर SSP ने कहा कि हमें भी नहीं पता था कि इस अभियान मे लोगों का इतना सहयोग मिलेगा। जमा किए जा रहे मोबाइल फोन और लैपटॉप को अगले आदेश के बाद बच्चों के बीच बांटा जाएगा.
वहीं, पुलिस द्वारा मोबाइल जमा कराने वालों को रसीद भी दी जाएगी. प्रशासन की ओर से पुराने मोबाइल फोन का EMI नंबर भी सेव किया जाएगा. साथ ही, यह उपकरण जिन बच्चों को दिया जाएगा, उन लोगों से भी एक पत्र लिया जाएगा, ताकि भविष्य में मोबाइल का गलत इस्तेमाल ना हो सके.