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2017 में प्रयागराज में गंगा नदी में 34 डाल्फिन थीं, अब संख्‍या बढ़कर हो गई है 68, जानें कारण

प्रयागराज। यह अच्‍छी खबर है कि दुनिया की सबसे बुद्धिमान जीव कही जाने वाली डाल्फिन का कुनबा संगम नगरी यानी प्रयागराज में तेजी से बढ़ रहा है। चार वर्ष की तुलना में इस समय यहां की गंगा नदी में डाल्फिन की संख्या दोगुना हो गई है। गंगा के बसवार, मोहब्बतगंज, कंजासा, नीवी कला क्षेत्र में डाल्फिन की बड़ी संख्या में विचरण करते हुए देखी जा रही है। डाल्फिन सहित अन्य वन्य जीव की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए लिए गंगा प्रहरियों को भी तैनाती भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से की गई है।

डाल्फिन की वर्तमान में वास्‍तवविक संख्‍या की रिपोर्ट शीघ्र आएगी
उल्‍लेखनीय है कि प्रयागराज में गंगा नदी में जुलाई 2017 में डाल्फिन की संख्या 34 के आसपास थी। वहीं वर्तमान समय में इनकी संख्या 68 के पार हो गई है। संगम नगरी में इस समय डाल्फिन की कितनी संख्या है इसका सर्वे किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट एक से दो माह के भीतर आएगी। मांडा, जसरा से लेकर संगम क्षेत्र तक डाल्फिन का विचरण तेजी से होता है।

डाल्फिन 10 सकेंड से तीन मिनट में एक बार पानी पर आती हैं बाहर

डाल्फिन पानी में सांस नहीं ले सकती। यही वजह है कि वह 10 सेकेंड से लेकर तीन मिनट के भीतर एक बार पानी की सतह पर सांस लेने के लिए जरूर आती है। यह दो से तीन वर्ष के बाद बच्चे पैदा करती है। नौ से 12 माह में बच्चे पैदा होते हैं।

जलीय जीवों की सुरक्षा के लिए प्रयागराज में 350 हैं गंगा प्रहरी

भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से गंगा यमुना में जलीय जीवों की सुरक्षा के लिए जिले में 350 गंगा प्रहरी रखे गए हैं। संस्थान के फील्ड इंचार्ज केपी उपाध्याय ने बताया कि इनके माध्यम से अन्य जीवों सुरक्षा कराने का प्रयास किया जाता है। यह लोग अलग-अलग स्थानों पर लोगों को जागरूक करती है।

गंगा की निर्मलता व जलीय जीवों के संरक्षण से बढ़ रहा डाल्फिन का कुनबा : डीएफओ

प्रयागराज के डीएफओ कहते हैं कि नमामि गंगे योजना के तहत संचालित हो रही योजनाओं से गंगा की निर्मलता बढ़ रही है। योजनाओं के कारण जैव विविधता पर भी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। जलीय जीवों के संरक्षण और संवर्धन और गंगा की बढ़ती निर्मलता के कारण डाल्फिन का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है।

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